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DRDO ने डेवलप किया कम वजन वाली हाईक्वालिटी बुलेट प्रूफ जैकेट, स्नाइपर की 6 गोलियां नहीं भेद सकीं

कानपूर

दिनरात बॉर्डर पर तैनात जवान दुष्मनों से लोहा लेते रहते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा के साथ कंफर्ट का ध्यान रखना भी जरूरी है। ऐसे में डीआरडी  की ओर  से जवानों के लिए नई बुलेटप्रूफ जैकेट बनाई गई है। यह जैकेट जवानों को हमले में डेंजर लेवल-6 तक के लिए सुरक्षित बताई गई। डीआरडीओ की टीम की ओर से इसे पूरी टेस्टिंग के बाद ही जवानों के दी जा रही है। क्वालिटी के मामले में बेस्ट होने के साथ ही वजन कम होने से जवानों को इस बुलेट प्रूफ जैकेट को पहनकर और बेहतर फील होगा।    

देश का सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट
डीआरडीओ के रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (DMSRDI) कानपुर ने 7.62 x 54 आरएपीआई (बीआईएस 17051 के स्तर 6) विस्फोटक पदार्थों के खिलाफ सुरक्षा के लिहाज से देश का सबसे हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट बनाया है। डीआरडीओ ने कुछ दिन पहले ही इस हाईक्वालिटी लाइट वेटेड बुलेटप्रूफ जैकेट का सफल परीक्षण किया गया है। रक्षा मंत्रालय की ओर इस बुलेटप्रूफ जैकेट के बारें में कहा गया है कि यह सुरक्षा जैकेट नए डिजाइन और दृष्टिकोण के साथ बनाया गया है। इसमें नई सामग्री का प्रयोग किया गया है।

लगातार 6 शॉट को मात देने में सफल
डीआरडीओ की ओर से तैयार ये जैकेट जवानों के लिए बेहतरीन सुरक्षा कवच होगा। डीआरडीओ की टेस्टिंग में पाया गया है कि इस जैकेट पर एक के बाद  एक 6 शॉट का कोई असर नहीं होता है। डीआरडीओ ने बताया कि जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) आईसीडब्ल्यू (इन-कंजक्शन) और स्टैंडअलोन डिजाइन दोनों में 7.62×54 आरएपीआई (स्नाइपर राउंड) के लगातार 6 गनशॉट को असफल करने की क्षमता है।  

इसके साथ ही यह जैकेट एर्गोनॉमिक रूप में डिजाइन किया गया फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है। किसी भी ऑपरेशन के दौरान जवानों को इसे पहनने में आसानी होती है।

पॉलिमर बैकिंग और मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट बना है HAP
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एर्गोनॉमिक तरीके से डिजाइन किया गया फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (HAP) पॉलिमर बैकिंग और मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है। ऑपरेशन के दौरान पहनने सैनिकों के लिए पहले से ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित रहेगा।

मंत्रालय ने जानकारी दी है कि ICW हार्ड आर्मर पैनल (HAP) की एरियल डेंसिटी 40 kg/M2 और स्टैंडअलोन HAP की एरियल डेंसिटी 43kg/M2 से कम है।

देश युद्ध में जाने से नहीं हिचकिचाएंगे
वहीं, मंगलवार को भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे नई दिल्ली में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) के नौवें नेशनल लीडरशिप कॉन्क्लेव में पहुंचे थे। यहां उन्होंने डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता की अहमियत की चर्चा की।

जनरल पांडे ने कहा कि हाल-फिलहाल के घटित जियो-पॉलिटिकल (भू-राजनीतिक) घटनाक्रमों ने दर्शाया है कि जहां राष्ट्रीय हितों का सवाल है, देश युद्ध में जाने से नहीं हिचकिचाएंगे। सैन्य ताकत युद्ध को रोकने और उनका निवारण करने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर हमले का मजबूती से जवाब देने और युद्ध जीतने के लिए जरूरी है।

उन्होंने कहा कि देश को हार्ड पावर पाने और उसे बनाए रखने की खोज में हमें डिफेंस की जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता को लेकर सचेत रहना जरूरी है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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