राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

चीन की ‘ग्रे जोन रणनीति’ से बढ़ा तनाव: हाई अलर्ट पर ताइवान, मिसाइल डिफेंस सिस्टम एक्टिव

ताइपे 
ताइवान जलडमरूमध्य में चीनी सैन्य गतिविधियों के बढ़ने से अलर्ट हो गया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने पिछले 24 घंटों में चीन की सैन्य गतिविधियों की निगरानी की सूचना दी। खबर के अनुसार, मंगलवार सुबह 6 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक द्वीप के आसपास 13 चीनी सैन्य विमान, 6 नौसैनिक जहाज और एक सरकारी जहाज देखे गए। एमएनडी ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सभी 13 विमान ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा पार करके ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में घुस आए। जवाब में ताइवानी सेना ने लड़ाकू जेट भेजे, नौसैनिक जहाज तैनात किए और तटीय मिसाइल रक्षा प्रणालियों को सक्रिय कर स्थिति पर नजर रखी।

खबर के मुताबिक, यह बीजिंग की 'ग्रे जोन रणनीति' का हिस्सा है, जो ताइवान पर उत्तेजक कार्रवाइयों से दबाव बनाने की रणनीति है, जो युद्ध से पहले रुक जाती है। इसमें धीरे-धीरे सैन्य तैनाती बढ़ाकर ताइवान की सुरक्षा कमजोर करने और उसकी प्रतिक्रिया क्षमता की जांच करने का लक्ष्य होता है। एमएनडी ने सितंबर में ऐसी गतिविधियों में तेज वृद्धि दर्ज की। इस महीने अब तक ताइवान ने 134 चीनी विमान और 68 नौसैनिक जहाजों को ट्रैक किया। ये आंकड़े बताते हैं कि पीएलए ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि इसका मकसद ताइवान पर निरंतर सैन्य दबाव बनाए रखना और ताइपे एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश देना है।

खबर के अनुसार, सितंबर 2020 से चीन लगातार द्वीप के पास अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। ये सैन्य अभियान ताइवान की संप्रभुता को चुनौती देते हैं, लेकिन सीधा संघर्ष टालते हैं। ताइवानी सेना ने पीएलए के खतरों से देश के हवाई और समुद्री क्षेत्र की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराई है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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