राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

उत्कृष्ट कार्य करने वाली आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य अमले को किया सम्मानित

किलकारी और मोबाइल अकादमी से सही समय पर सही जानकारी और प्रशिक्षित आशा कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा को किया है सशक्त : उप मुख्यमंत्री शुक्ल

राज्य स्तरीय मोबाइल अकादमी एवं किलकारी कार्यक्रम की कार्यशाला सम्पन्न

भोपाल
उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि किलकारी और मोबाइल अकादमी ने यह सिद्ध किया है कि सही समय पर सही जानकारी और प्रशिक्षित आशा कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को नई दिशा दे सकती हैं। यह पहल मध्यप्रदेश को स्वस्थ, सशक्त और सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर कर रही है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल की अध्यक्षता में होटल एमपीटी पलाश भोपाल में राज्य स्तरीय मोबाइल अकादमी एवं किलकारी कार्यक्रम की कार्यशाला आयोजित हुई। अपर मिशन संचालक श्री मनोज सरियाम और आशा कार्यक्रम के संयुक्त संचालक डॉ. राकेश बोहरे विशेष रूप से उपस्थित रहे।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) एवं मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में सुधार के लिए सशक्त प्रयास कर रहा है। ग्रामीण एवं आदिवासी अंचलों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि मातृ मृत्यु दर को 80 प्रतिशत तथा शिशु मृत्यु दर को 20 प्रतिशत तक लाया जाये। इस दिशा में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें निरंतर प्रशिक्षण, अद्यतन जानकारी तथा तकनीकी साधनों से सशक्त करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटलीकरण की दिशा में नई ऊर्जा और दृष्टि प्रदान की है। इसी परिप्रेक्ष्य में 15 जनवरी 2016 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा द्वारा मोबाइल अकादमी एवं किलकारी कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। विगत दस वर्षों की सफल यात्रा में इन कार्यक्रमों ने देशव्यापी स्तर पर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और प्रभावशीलता को उल्लेखनीय रूप से सुदृढ़ किया है।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि इन पहलों के माध्यम से मध्यप्रदेश का लक्ष्य शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) को 20 तथा मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) को 80 तक लाना है। इसके लिये आवश्यक है कि सभी आशा कार्यकर्ता, जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं प्रशासनिक इकाइयाँ पूर्ण निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें। उन्होंने शिक्षण एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से अपेक्षा की कि वे उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और सेवा प्रदायगी के माध्यम से प्रदेश को स्वास्थ्य संकेतकों में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाएँ। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया।

अपर मिशन संचालक श्री मनोज सरियाम ने बताया कि मध्यप्रदेश ने इन कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन में देशव्यापी स्तर पर अग्रणी भूमिका निभाई है। अब तक 50 हजार से अधिक आशा कार्यकर्ताओं ने मोबाइल अकादमी का प्रमाणन कोर्स पूरा किया है। प्रदेश के 25 से अधिक जिलों में 100 प्रतिशत आशाओं ने प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन 200 से अधिक आशाएँ कोर्स पूर्ण कर रही हैं। किलकारी कार्यक्रम के माध्यम से लाखों गर्भवती महिलाएँ एवं माताएँ लाभान्वित हो रही हैं।

किलकारी कार्यक्रम गर्भवती महिलाओं तथा नवजात शिशुओं की माताओं को समय पर आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिये विकसित किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत लाभार्थियों को उनकी गर्भावस्था एवं शिशु की आयु के अनुसार 72 पूर्व निर्धारित ऑडियो संदेश प्राप्त होते हैं। सरल भाषा में प्रस्तुत ये संदेश लाभार्थियों में सहज विश्वास और आत्मीयता का भाव उत्पन्न करते हैं। यह सेवा पूर्णतः निःशुल्क है और मोबाइल फोन पर आसानी से उपलब्ध है। मोबाइल अकादमी आशा कार्यकर्ताओं के लिए एक दूरस्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसमें 240 मिनट का ऑडियो कोर्स, 11 अध्याय और 44 पाठ सम्मिलित हैं। यह कार्यक्रम आशा कार्यकर्ताओं के ज्ञान, संचार कौशल एवं आत्मविश्वास को सुदृढ़ करता है। यह सेवा 14424 नंबर के माध्यम से कहीं भी, कभी भी सुलभ है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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