राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

SC में राष्ट्रपति रेफरेंस पर सुनवाई, तमिलनाडु-केरल सरकार की चुनौती पर फैसला

नई दिल्ली 
राष्ट्रपति की ओर से सुप्रीम कोर्ट से राय मांगे जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर शीर्ष अदालत ने मंगलवार को सवाल उठाया। अदालत ने केरल और तमिलनाडु सरकारों की अर्जी पर कहा कि यदि राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट से राय लेना चाहें तो इसमें गलत क्या है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के आर्टिकल 143 का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रेफरेंस दायर किया है। इसमें उन्होंने पूछा है कि क्या राज्यपालों और राष्ट्रपति को शीर्ष अदालत की ओर से आदेश दिया जा सकता है। इसी रेफरेंस का तमिलनाडु और केरल ने विरोध किया है। दोनों राज्यों की ओर से कहा गया कि राष्ट्रपति की ओर से दाखिल रेफरेंस सुनवाई के काबिल नहीं है।

इस पर चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत समेत 5 जजों की बेंच ने कहा कि आखिर इसमें गलत क्या है। अदालत ने राज्य सरकारों से पूछा, 'यदि महामहिम राष्ट्रपति अदालत की राय जानना चाहती हैं तो फिर इसमें गलत क्या है। क्या आप अपनी बात को गंभीरता से कह भी रहे हैं।' अदालत ने यह भी कहा कि हम यहां सलाह या राय देने की स्थिति में हैं। सुप्रीम कोर्ट के ही किसी फैसले के खिलाफ हम अपीलीय प्राधिकारण के तौर पर नहीं बैठे हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोर्ट ने कोई राय दी है तो हमें उसे करेक्ट कर सकते हैं, लेकिन किसी फैसले को नहीं पलटा जा सकता।

वहीं अदालत की इस दलील को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चैलेंज किया। उन्होंने कहा कि अदालत ऐसे किसी फैसले को पलट भी सकती है, जिसमें कोई खामी लग रही हो। इस पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हम राय को पलट सकते हैं, लेकिन फैसला नहीं बदल सकते। दरअसल राष्ट्रपति ने अप्रैल में दिए अदालत के उस फैसले पर सवाल उठाए हैं, जिसमें राज्यपालों और राष्ट्रपति से कहा गया था कि वे तय समय के भीतर राज्य सरकार की ओर से पारित विधेयकों पर फैसला लें। अब इसी पर समस्त राज्यपालों और राष्ट्रपति को आपत्ति है। इन लोगों का कहना है कि आखिर राज्यपालों के काम में सुप्रीम कोर्ट दखल कैसे दे सकता है। कैसे वह राष्ट्रपति को निर्देश दे सकता है कि वे तय समय के भीतर ही विधेयक पर फैसले लें।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button