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मुख्यमंत्री डॉ. यादव के विशेष प्रयास – म.प्र. बने देश का प्रमुख औद्योगिक केन्द्र

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश तेजी से देश का एक प्रमुख औद्योगिक और निवेश स्थल बनने जा रहा है। हमारी निवेशक-अनुकूल नीतियों, विशाल औद्योगिक बुनियादी ढांचे और विभिन्न राज्यों से सम्पर्क की स्थिति से देश-विदेश के निवेशक मध्यप्रदेश में निवेश के लिये तैयार हुए हैं। राज्य सरकार की सक्रिय पहल, औद्योगिक विकास को गति देने वाली योजनाएँ और निवेशकों को आकर्षित करने सिंगल-विंडो सिस्टम जैसी सुविधाओं से प्रदेश को एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की पहल हुई है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रयास कर देश के महानगरों में रोड-शो और प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की जा रही हैं। इनमें उद्योगपतियों से हो रहे निरन्तर सम्पर्क से प्रदेश में निवेश का माहौल बन चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने वर्ष-2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसमें प्रमुख रूप से माह फरवरी 2025 में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल में होने जा रही है।

इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम, निवेशकों के लिए अनंत संभावनाएं
मध्यप्रदेश का औद्योगिक विकास सरकार की दूरदर्शी योजनाओं और नवीन बुनियादी ढांचे के विस्तार का परिणाम है। राज्य का 1.25 लाख एकड़ में फैला विशाल औद्योगिक भूमि बैंक, 112 विकसित औद्योगिक क्षेत्र और 14 नए ग्रीनफील्ड औद्योगिक क्षेत्रों के प्रस्ताव ने निवेशकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहाँ टेक्सटाइल, फार्मा, खाद्य प्र-संस्करण, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे बहु-क्षेत्रीय औद्योगिक क्लस्टर्स ने राज्य को निवेश के लिए एक समृद्ध स्थान बना दिया है। साथ ही राज्य के 7 स्मार्ट शहरों की परियोजना ने इसे डिजिटल और औद्योगिक प्रगति के मामले में और भी आकर्षक बना दिया है।

प्रदेश में औद्योगीकरण के लिए आवश्यक इकोसिस्टम उपलब्ध है। उद्योगों के लिए राज्य में पर्याप्त लैंड बैंक की उपलब्धता है और औद्योगिक प्रयोजन के लिए प्रदेश में 1.25 लाख एकड़ से भी अधिक का लैंड बैंक उपलब्ध है। राज्य शासन द्वारा सेक्टर-फोकस्ड औद्योगिक क्षेत्र भी बनाये गए हैं। भोपाल एवं इंदौर में महिला उद्यमियों के लिए डेडिकेटेड पार्क स्थापित किये गए हैं।

राज्य में तकनीकी, प्रबंधन एवं चिकित्सा क्षेत्र एवं स्किल डेवलपमेंट के लिये कई उत्कृष्ट कॉलेज हैं, जिसके कारण सभी क्षेत्रों के उद्योगों के लिए पर्याप्त संख्या में स्किल्ड वर्क फोर्स की उपलब्धता है। पिछले दो दशकों में राज्य में उद्योगों के माध्यम से 41 लाख नवीन रोज़गार के अवसर उत्पन्न हुए हैं एवं राज्य का अनएम्प्लॉयमेंट रेट काफी कम है।

राज्य शासन द्वारा बुनियादी ढाँचे का निर्माण जैसे औद्योगिक क्षेत्र, सड़क, जल आपूर्ति, सिंचाई और 24X7 बिजली आपूर्ति इत्यादि जरूरतों पर खासा ध्यान दिया गया है। राज्य शासन द्वारा पिछले दशक के दौरान इन्फ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाने के लिये करीब 1.10 लाख करोड़ रूपये खर्च किये गये है। इसके फलस्वरूप पिछले दशक के दौरान मध्यप्रदेश में आर्थिक एवं सामाजिक विकास के रूप में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है।

कनेक्टिविटी एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर औद्योगिक विकास के लिये महत्वपूर्ण पैमाना है। इसको ध्यान में रखते हुये राज्य शासन अटल प्रगति पथ (चंबल प्रोग्रेस-वे) पर नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर रहा है, जिसके लिये भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है। साथ ही नर्मदा एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिये भूमि का चिन्हांकन एवं लैण्ड ट्रांसफर प्रक्रियाधीन है। राज्य में विभिन सेक्टरों की 350 से अधिक वृहद् इकाइयां एवं 26 लाख से अधिक MSME इकाइयां स्थापित हैं एवं पिछले दशक में इसमें काफी तेज़ी आई है।

राज्य में 314 से अधिक इंडस्ट्रियल एरियाज हैं। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा क्षेत्र विशिष्ट औद्योगिक क्षेत्र भी बनाये गए हैं। राज्य में 10 फूड पार्क, 5 आईटी स्पेशल इकोनॉमिक जोन, 2 स्पाइस पार्क, 2 प्लास्टिक पार्क, एक मेडिकल डिवाइस पार्क है, एक पावर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग जोन है। राज्य शासन द्वारा EV पार्क, फार्मा पार्क, टेक्सटाइल पार्क, गारमेंट यूनिट्स के लिए प्लग एंड प्ले जोन, सेमीकंडक्टर पार्क एवं नवीन आईटी पार्क स्थापित किये जा रहे हैं। राज्य में मेगा इकाइयों को कस्टमाइस्ड इंसेंटिव पैकेज की सुविधा भी दी जाती है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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