RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

बिहार-गोपालगंज के BPS कॉलेज में नामांकन लेने से कतरा रहे छात्र, सत्र में देर होने से पलायन

गोपालगंज.

गोपालगंज के प्रतिष्ठित बीपीएस कॉलेज भोरे में अब  स्नातक में नामांकन कराने में छात्र-छात्राएं कतरा रहे हैं, जिससे एक तरफ जहां अधिकांश सीटें खाली रह जा रही हैं। वही, दूसरी तरफ बिहार के दूसरे प्रदेश में नामांकन के लिए पलायन कर रहे हैं। ऐसे में छात्र-छात्राएं बिहार सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि से वंचित भी हो रहे हैं।

पहले कॉलेज में नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं की भीड़ उमड़ती थी। सीट से अधिक नामांकन भी हो जाता था। लेकिन आज स्थिति यह है कि कॉलेज में नामांकन के लिए ढूंढने से भी छात्र नहीं मिल रहे हैं। कॉलेज में स्नातक सत्र 2024-28 में नामांकन के लिए स्वीकृत 832 सीट के विरुद्ध मात्र 20 प्रतिशत अर्थात 179 सीटों पर ही पहली सूची के आधार पर नामांकन हो सका है। सबसे खराब स्थिति फिलॉस्फी तथा गणित विषयों की है। इन दोनों विषयों में 96-96 सीट स्वीकृत हैं, लेकिन एक भी सीट पर नामांकन नहीं हुआ है। सबसे अधिक हिंदी में 70 प्रतिशत सीट पर नामांकन हुआ है। 96 स्वीकृत सीट के विरुद्ध 77 पर नामांकन हुआ है। बताया जाता है कि पहले कॉलेज में ही आवेदन दिया जाता था, जिसके आधार पर नामांकन हो जाता है, लेकिन जब से नामांकन के लिए केंद्रीकृत व्यवस्था लागू की गई है। तब से जिले के पश्चिमांचल में स्थित दूरदराज के इस कॉलेज में नामांकन कराने में छात्रों की रुचि कम हो गई है। वहीं, सत्र विलंब से चलने, यूपी की सीमा पर स्थित होने तथा चार वर्षीय स्नातक कोर्स की व्यवस्था लागू कर दिए जाने से भी छात्र-छात्राएं पलायन को विवश हैं। कई छात्रों ने बताया कि अभी तीन वर्षीय स्नातक कोर्स का सत्र विलंब से ही चल रहा है, तब तक चार वर्षीय स्नातक कोर्स में नामांकन शुरू कर दिया गया। हालांकि, पलायन कर दूसरे प्रदेश में नामांकन कराने वाले छात्रों को बिहार सरकार की तरफ से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि से हाथ धोना पड़ेगा।

क्या कहते हैं कॉलेज के प्राचार्य
इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उदय शंकर पांडेय ने बताया कि यूनिवर्सिटी का सत्र विलंब चलने के कारण तथा यूपी की सीमा पर स्थित रहने के कारण छात्र-छात्राओं का पलायन हो रहा है। हालांकि, नए कुलपति प्रमेंद्र कुमार वाजपेई के नेतृत्व में सत्र में सुधार हो रहा है। चार वर्षीय स्नातक कोर्स शुरू करना भी सीट नहीं भरने का एक कारण हो सकता है। लेकिन लोगों को यह जानना चाहिए की चार वर्षीय स्नातक कोर्स करने के बाद स्नातकोत्तर का कोर्स मात्र एक साल का ही हो जाता है। इसलिए उन्हें कॉलेज में नामांकन कराना चाहिए।
विषयवार सीटों की संख्या तथा नामांकित छात्रों की संख्या का विवरण निम्न प्रकार है

विषय    स्वीकृत सीट   नामांकित छात्र
अंग्रेजी                96            03
भूगोल                 96            29
अर्थशास्त्र            96             04
हिंदी                   96             49
फिलॉस्फी           96             00
गणित                96             00
इतिहास           128             77
राजनीति शास्त्र 128             17

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button