RO.NO.12822/173
राजनीति

RSS का लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नहीं मिला साथ! जमीन पर एक्टिव क्यों नहीं थे संघ के स्वयंसेवक

RO.NO.12784/141

नई दिल्ली
 लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक क्यों एक्टिव नहीं थे, यह सवाल पूरे चुनाव भर उठा। संघ के स्वयंसेवक बीजेपी के लिए एक मजबूत कड़ी रहे हैं, जो चुनाव में भले ही बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए सीधे काम नहीं करते हैं लेकिन यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संघ हमेशा निभाता रहा है कि कम से कम बीजेपी के समर्थक और ऐसे वोटर मतदान के दिन वोट देने जरूर पोलिंग बूथ तक पहुंचे जो बीजेपी के संभावित वोटर हैं। लेकिन इस बार चुनाव में संघ के स्वयंसेवक एक्टिव नहीं दिखे।

चुनाव को लेकर कोई मीटिंग नहीं हुई
सूत्रों के मुताबिक, शुरुआत के पांच चरणों में संघ के अलग-अलग स्तर के पदाधिकारियों ने चुनाव को लेकर कोई मीटिंग ही नहीं ली और स्वयंसेवकों को कोई मेसेज ही नहीं गया कि उन्हें काम करना है। लेकिन पांचवें दौर की वोटिंग के बाद संघ की एक मीटिंग बुलाई गई और आगे काम करने के लिए बातचीत भी हुई। लेकिन छठे दौर की वोटिंग से पहले फिर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का बयान आ गया कि बीजेपी को पहले संघ की जरूरत होती थी लेकिन अब बीजेपी सक्षम हो गई है। सूत्रों की मानें तो यह बयान संघ के भीतर चर्चा में रहा और इसका असर ये हुआ कि संघ के स्वयंसेवक फिर एक्टिव नहीं हुए।

इस बार घर-घर पर्ची भी नहीं पहुंची
हर चुनाव में संघ के कामकाज का एक सेट तरीका होता था। संघ के स्वयंसेवक घर-घर जाकर वोटर्स से मिलते थे और उन्हें पर्ची देते थे। पर्ची मतलब मतदाता सूची में उनका क्या क्रमांक है, यह पर्ची में लिखकर दिया जाता था। यह मतदाताओं तक पहुंचने का एक तरीका था। इसके साथ ही मतदान वाले दिन संघ के स्वयंसेवक अपने एरिया या मोहल्ले में यह सुनिश्चित करते थे कि मतदाता वोट देने पोलिंग बूथ तक जाएं। लंच टाइम तक अगर वोटर पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंचें तो स्वयंसेवक उन्हें फोन कर मतदान करने के लिए प्रेरित करते थे। लेकिन इस लोकसभा चुनाव में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। सूत्रों के मुताबिक, इस बार संघ के स्वयंसेवकों ने घर-घर पर्ची पहुंचाने का काम नहीं किया। ज्यादातर जगह यही रहा, लेकिन कुछ जगहों में बीजेपी उम्मीदवार ने व्यक्तिगत स्तर पर स्थानीय संघ की टीम से बात कर उनकी सक्रियता सुनिश्चित की। दिल्ली की कुछ सीटों पर ऐसा ही हुआ। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली के झंडेवालान में जहां संघ का गढ़ हैं, वहां भी मतदाता क्रमांक की पर्ची नहीं पहुंची। संघ के कुछ लोगों ने इस पर भी नाखुशी जाहिर की कि उम्मीदवारों के चयन में भी संघ की नहीं सुनी गई थी।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12784/141

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
× How can I help you?