RO.No. 13047/ 78
व्यापार जगत

Reliance Capital को खरीदने में हिंदुजा ग्रुप के छूटे पसीने, NCLT से मांगा और टाइम

नई दिल्ली
 कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ग्रुप ने एनसीएलटी में एक आवेदन देकर लेंडर्स को अंतिम भुगतान करने के लिए और समय मांगा है। हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स (IIHL) ने अक्टूबर 2023 में रिलायंस कैपिटल के लिए ₹9,850 करोड़ की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। IIHL को इस अधिग्रहण को पूरा करने के लिए इंश्योरेंस रेगुलेटर समेत सभी अहम मंजूरियां मिल चुकी हैं। रिलायंस कैपिटल की इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग को पूरा करने और भुगतान करने की समय सीमा 27 मई थी। हिंदुजा ग्रुप का कहना है कि डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड से विदेशी निवेश के लिए मंजूरी मिलने में देरी हुई है, इसलिए उसे इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए और समय चाहिए।

रिलायंस कैपिटल के लेंडर्स का आरोप था कि आईआईएचएल द्वारा आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने में विफलता का खामियाजा कॉरपोरेट देनदार और उसके वित्तीय लेनदारों को नहीं उठाना चाहिए। मंजूरी मिलने में देरी पूरी तरह से आईआईएचएल के आचरण के कारण है। आईआईएचएल ने अपने आवेदन में दावा किया है कि सभी मंजूरियां प्राप्त करना उसकी अकेले की जिम्मेदारी नहीं है, क्योंकि अधिकांश मंजूरियों के लिए प्रशासक या कॉर्पोरेट देनदार की परिचालन सहायक या सहयोगी कंपनियों के माध्यम से आवेदन करना आवश्यक है, इसलिए यह ग्रुप के हाथ में नहीं है। ₹2,750 करोड़ की इक्विटी निवेश के बारे में आवेदन में कहा गया है कि ग्रुप ने अपने ऑडिटर्स डी एंड जी एसोसिएट्स एलएलपी के जरिए एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है। यह इस बात का प्रमाण है कि ग्रुप इक्विटी पूंजी निवेश करने के अपने दायित्व को पूरा करने के लिए कृतसंकल्प है।

कितना है कर्ज

कंपनी ने कहा कि सर्टिफिकेट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इक्विटी भागीदारी के लिए $300 मिलियन (लगभग ₹2,500 करोड़) की धनराशि निर्धारित की गई है। आवेदक के निदेशक मंडल द्वारा पारित प्रस्ताव द्वारा भी इसका समर्थन किया गया। रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है। आरबीआई ने भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था और इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू की थी। रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button