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कवर्धाछत्तीसगढ़

जिसमें कल्याण की भावना है वही शिव है, नहीं तो शव- स्वामी रामस्वरूपानंद

 

*जिसमें कल्याण की भावना है वही शिव है, नहीं तो शव- स्वामी रामस्वरूपानंद*

कवर्धा। श्री गणेशपुरम में आयोजित श्रीराम कथा में स्वामी रामस्वरूपानंद ने कहा कि भगवान शंकर ग्यारहवें रूद्र में हनुमान का रूप लेकर अवतरित हुए। शिव कल्याण को कहते हैं, जिसके जीवन में कल्याण करने की भावना है, वही शिव है। यदि कल्याण की भावना नहीं है, तो वह शव है। आपके अंदर यदि कल्याण की भावना आ जाए, तो जन जन शिव बन जाएगा। हमें संकल्प लेना है कि दूसरों का कल्याण करना है। हमारा जीवन कल्याण के लिए है। स्वामी जी ने कहा कि जहां पर प्रतिकूलताओं में अनुकूलताओं का साम्राज्य स्थापित करता है, वही शिव है। भगवान शिव अपने सिर पर गंगा धारण किए हैं। गंगा में जल है, जल समस्या के लिए समाधान है। सभी जानते हैं कि जल ही जीवन है, लेकिन अग्नि के सामने जल आ जाए तो जल समस्या बन जाती है। मस्तक पर तीसरा नेत्र अग्नि तत्व है। अग्नि उपर हो और जल नीचे है तो समस्या नहीं है। लेकिन जल उपर है और नीचे अग्नि है तो समस्या ही समस्या है। जल और अग्नि दोनों एक साथ हैं। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। एक दूसरे में निभाना सीखो। यही शिव तत्व है। चंद्रमा में अमृत है, तो बहुत अच्छी बात है। लेकिन कंठ में विष है। शिव का एक नाम चंद्रमौलेष्वर है, तो एक नाम नील कंठेष्वर भी है।

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*जो प्रकृति का उपासक नहीं, वह परमात्मा का उपासक भी नहीं- स्वामी राजीवलोचन महाराज*

कवर्धा। श्रीमद्भागवत ज्ञान सप्ताह में स्वामी राजीवलोचन महराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को गोवर्धन पर्वत उठाने की क्या आवश्यकता थी। जब वर्षा बंद हुई तो गोवर्धन के उपर एक बूंद पानी नहीं था, आखिर सब पानी कहां गया, भगवान के दिव्य सुदर्शन चक्र ने संपूर्ण जल को सोंख लिया, फिर गोवर्धन क्यों उठाया गया, इसलिए नहीं कि इंद्र द्वारा बरसाए गए जल से ग्वाल बाल को बचाया जाना था। भगवान दिखाना चाहते थे देखो मैं भगवान हूं, गोवर्धन प्रकृति है, यदि प्रकृति के समान सुखपूर्वक जीवन जीना चाहते हो तो मेरे जैसा काम करना पड़ेगा, जो प्रकृति की रक्षा करेगा वह परमात्मा का अनुगामी है। परमात्मा भी प्रकृति को अपने से उपर बताता है और अपने सिर से एक हाथ उपर उठाकर रखते हैं। जो प्रकृति का उपासक नहीं, वह परमात्मा का उपासक भी नहीं हो सकता।

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*गणेश तिवारी और नेहारिकार्ड तिवारी ने एक सप्ताह में वर्ल्ड  की बनाई हैट्रिक*

कवर्धा जिले के इतिहास में पहली बार 7 से 15 मई तक आयोजित हो रहे श्रीरूद्र महायज्ञ के आध्यात्मिक आयोजन कई मायने मेें लोगों के मन मस्तिष्क पर अपना अमिट छाप छोड़ चुका है। वहीं एक ही सप्ताह में हैट्रिक विश्व रिकार्ड भी कार्यक्रम आयोजक गणेश तिवारी और श्रीमती नेहा तिवारी के नाम गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुका है। आयोजन के पहले ही दिन किसी भी आयोजन में सर्वाधिक एक लाख 13 हजार आमंत्रण कलेेंडर बांटने के लिए, 13 मई को जैविक खेती के लिए प्रेरित करते हुए सर्वाधिक लोगों को शपथ दिलाने तथा 14 मई को लार्जेस्ट चना-आलू की सब्जी बनवाने का रिकार्ड आयोजक गणेश तिवारी और श्रीमती नेहा तिवारी का नाम गोल्डन बुुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया। इसकी घोषणा संस्था के एशिया हेड डॉ मनीष विश्नोई ने मंच से की।

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*योगऋषि बाबा रामदेव आज सुबह वर्चुवल माध्यम से योग शिविर में होंगे शामिल, शाम को जिलेवासियों को देंगे वर्चुवल आशीर्वचन*

*सौ से अधिक देशों में सुबह 5 बजे से होगा सीधा प्रसारण*

कवर्धा। श्री रूद्र महायज्ञ, श्रीमद्भागवत ज्ञान सप्ताह, श्रीरामकथा एवं विशाल योग शिविर के अंतिम दिन सोमवार की सुबह योगऋषि स्वामी बाबा रामदेव कवर्धा के गणेशपुरम में वर्चुवल वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सुबह 5 बजे सम्मिलित होंगे। इस शिविर का आस्था चैनल के माध्यम से सौ से ज्यादा देशों मेें लाइव प्रसारण भी किया जाएगा। वहीं शाम को वर्चुवल माध्यम से ही जिलेवासियों को आशीर्वचन प्रदान करेंगे।

*हरिद्वार से पहुंचे बाबा रामदेव के शिष्य योगाचार्य परमार्थ देव*

पतंजलि योग समिति के केंद्रीय प्रभारी योगाचार्य स्वामी परमार्थ देव 12 मई की शाम कवर्धा पहुंच चुके हैं तथा लोगों को योग के विभिन्न आसन सिखा रहे हैं। जबकि रामदेव के ही शिष्य स्वामी नरेंद्र देव एक माह से कवर्धा जिले के प्रवास पर हैं और विभिन्न गांवों में जा जाकर लोगों के मन में योगा का अलख जगा रहे हैं। यही कारण है कि आज योगा गांव गांव और घर घर पहुंचकर बाबा रामदेव के सपनों को साकार कर रहा है।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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