राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा- हम सिर्फ संविधान के अधीन और फरियादियों के सेवक

नई दिल्ली
देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि कोई भी जज संप्रभु शक्ति नहीं हैं बल्कि वे संविधान के अधीन वादियों के सेवक हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि देश की अदालतें संविधान के अधीन हैं और उसके तहत ही देशवासियों की सेवा कर रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अदालतें और जज सार्वजनिक सेवा प्रदाता हैं। सीजेआई ने कहा कि न्यायालय को संविधान के अलावा किसी और की सेवा नहीं करनी चाहिए, सिवाय फरियादियों के जो उनके पास न्याय के लिए आते हैं। उन्होंने कहा, हमारी अदालतें केवल संप्रभु सत्ता नहीं हैं, बल्कि अनिवार्य रूप से सार्वजनिक सेवा प्रदाता हैं।" सीजेआई दिल्ली के कड़कड़डूमा, शास्त्री पार्क और रोहिणी में अतिरिक्त अदालत भवनों के निर्माण के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन दिल्ली हाई कोर्ट ने किया था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कड़कड़डूमा अदालत में हुए एक समारोह में अदालत परिसरों के निर्माण के लिए नींव भी रखीं।

बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अपने संबोधन में CJI चंद्रचूड़ ने यह भी बताया कि कैसे सार्वजनिक भवन विकलांग व्यक्तियों के लिए सुलभ होने चाहिए। इस संबंध में, उन्होंने मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की नई दिल्ली यात्रा से संबंधित एक कहानी भी सुनाई। सीजेआई चंद्रचूड़ ने बताया कि वैज्ञानिक राष्ट्रीय राजधानी में ऐतिहासिक स्मारकों का दौरा करने के इच्छुक थे। दिल्ली की कानून मंत्री आतिशी ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में न्याय प्रदान करने के वादों को पूरा करने तथा न्यायपालिका के लिए हरसंभव सहयोग मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। कड़कड़डूमा, शास्त्री पार्क और रोहिणी सेक्टर-26 में तीन अदालत परिसरों के शिलान्यास समारोह में उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले दशक में अदालतों के लिए बजटीय आवंटन चार गुना तक बढ़ाया है।

आतिशी ने कहा कि 2014-15 में यह 760 करोड़ रुपये था और पिछले कुछ वर्षों में इसमें लगातार वृद्धि हुई है जिससे यह 2024-25 में चार गुना से ज्यादा बढ़कर करीब 3,000 करोड़ रुपये हो गया है। आतिशी ने कहा कि नयी अदालत इमारतें संविधान में विश्वास और न्याय के लिए उम्मीद दर्शाएंगी। उन्होंने कहा कि यह पूरी परियोजना 1,100 करोड़ रुपये की है। मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के कार्यकाल में न्यायिक बुनियादी ढांचे का विस्तार हुआ है जिसमें 2019 में राउज एवेन्यू में 60 अदालत कक्षों का उद्घाटन, साकेत, तीस हजारी और कड़कड़डूमा अदालतों में 144 अदालत कक्ष बनाना तथा दिल्ली उच्च न्यायालय में एक नए ब्लॉक का निर्माण शामिल है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने कहा कि तीनों अदालत परिसर हरित भवन होंगे जिसमें वर्षा जल संचयन और सौर ऊर्जा जैसी सुविधाएं होंगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में न्यायिक प्रणाली को मजबूत करना आवश्यक है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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