RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

बिरला नगर स्टेशन के करीब रेलवे पटरी पर मिली लोहे की रॉड, ट्रेन पलटाने की साजिश

ग्वालियर

मध्य प्रदेश के ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के रायबरेली में असामाजिक तत्वों द्वारा ट्रेन पलटाने का षड्यंत्र फिर सामने आया है। ग्वालियर में सोमवार देर रात बिरला नगर स्टेशन स्टेशन के आउटर पर तीसरी लाइन की पटरियों पर लोहे की मोटी छड़ों को तारों से बांधकर रख दिया गया था। रात लगभग डेढ़ बजे इसी ट्रैक पर आ रही मालगाड़ी के लोको पायलट को जब छड़ें नजर आईं तो उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी और हादसा टला।

जीआरपी व आरपीएफ के जवान देर रात मौके पर पहुंचे। जीआरपी ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। काशन आर्डर के कारण मालगाड़ी की गति 12 किमी प्रतिघंटा थी। यदि ट्रेन की गति अधिक होती, तो छड़ें नजर नहीं आती और हादसा होने की आशंका थी। तकनीकी अधिकारियों के अनुसार लोहे की दो छड़ें कुछ दूरी पर ट्रैक पर थीं।

पहली छड़ यदि ट्रेन के पहिए से कट भी जाती, तो ट्रेन को झटका लगता और तब तक दूसरी छड़ पहिए के नीचे आ जाती। ऐसे में ट्रेन के डिरेल होने की पूरी संभावना थी। इस घटना की जानकारी मिलते ही पूरे दिन झांसी मंडल से प्रयागराज मुख्यालय तक हलचल मची रही, क्योंकि इससे पहले भी उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत विभिन्न स्टेशनों के आसपास ट्रेन पलटाने का षड्यंत्र रचा जा चुका है।

ट्रैक पर लोहे की छड़ें मिलीं

    बिरलानगर के पास रेलवे ट्रैक पर लोहे की छड़ें मिली हैं। इसी ट्रैक से मालगाड़ी गुजरनी थी, तभी छड़ें देखकर ट्रेन रोक ली गई। आरपीएफ व जीआरपी ने इसे जब्त किया है और इस मामले में जीआरपी में मामला दर्ज किया गया है। सुरक्षा बल फिलहाल मामले की जांच कर रहे हैं। – मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी रेल मंडल झांसी

पहले भी हो चुकी हैं साजिशें

    गत पांच अक्टूबर को झांसी-भोपाल रेल लाइन पर दैलवारा-ललितपुर के बीच ट्रैक पर छह फीट का सरिया असामाजिक तत्वों ने रख दिया था। इस दौरान पातालकोट एक्सप्रेस ट्रैक पर थी और उसके पहियों में सरिया फंस गया था।

    गत 30 सितंबर को कानपुर के गोविंदपुरी-भीमसेन रेल लाइन पर अग्निशामक सिलेंडर रखा मिला था। इस दौरान पुष्पक एक्सप्रेस गुजर रही थी।

    29 सितंबर को महोबा रेलवे ट्रैक पर कबरई और मटोंध स्टेशन के बीच पटरियों पर भारी-भरकम पिलर रखकर पैसेंजर ट्रेन को पलटाने के प्रयास किया गया था।

    22 सितंबर को कानपुर के महाराजपुर में प्रेमपुर स्टेशन के पास ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर और बीयर कैन रखी हुई मिली थीं। उस समय मालगाड़ी इस ट्रैक से गुजर रही थी।

    17 अगस्त को कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के नजदीक ही भीमसेन रेल लाइन पर पटरी पर रखे भारी पत्थर के टकराने से साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे डिरेल हो गए थे।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button