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पेपर लीक की खबरों के बीच महाराष्ट्र सरकार एक बेहद अहम बिल लाने जा रही, 10 साल जेल…एक करोड़ जुर्माना

नई दिल्ली
पेपर लीक की खबरों के बीच महाराष्ट्र सरकार एक बेहद अहम बिल लाने जा रही है। इसके जरिए पेपर लीक के साथ परीक्षा में गलत साधनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की तैयारी है। यह बिल खासतौर पर नौकरी वाली परीक्षाओं के लिए प्रभावी होगा। बता दें कि महाराष्ट्र में रेवेन्यू अधिकारी पद के लिए हुई परीक्षा में पेपर लीक का आरोप लगा था। इस परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों ने फुल मार्क्स से ज्यादा नंबर हासिल किए थे। महाराष्ट्र कांपटीटिव एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) बिल, 2024 में तीन से पांच साल की जेल और  10 लाख जुर्माने का प्रावधान है।

महाराष्ट्र के इस बिल में प्रदेश सरकार द्वारा कराए जाने वाले सभी कांपटिटिव एग्जाम्स को कवर किया गया है। इसमें एमपीएससी और टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट भी शामिल है। बिल के तहत सभी जुर्म गैर-जमानती होंगे। परीक्षा की शुचिता प्रभावित करने में संलिप्त पाए जाने पर संस्थान प्रमुखों को 3 से 10 साल की जेल हो सकती है। इसके अलावा उनके ऊपर एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी लग सकता है। सर्विस प्रोवाइडर के दोषी पाए जाने पर उसे चार साल तक कांपटिटिव एग्जाम कराने से डिबार किया जा सकता है। इसके अलावा उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।

शुक्रवार को पेश किए गए इस बिल में सभी तरह के अनुचित साधनों पर रोक के प्रावधान किए गए हैं। इसमें आंसर-की का लीक होना, कॉपी करना, आंसर शीट से छेड़छाड़, कंप्यूटर नेटवर्क से छेड़छाड़, फेक एग्जाम कराना और सीटिंग अरेंजमेंट को मैनिपुलेट करना शामिल है। साथ ही साथ एग्जाम सेंटर पर सिक्योरिटी अरेंजमेंट्स से छेड़खानी या परीक्षा करा रहे लोगों को धमकी देना भी अपराध की श्रेणी में आएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस बिल की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में पेपर लीक की समस्या से रोकने के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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