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सूरत के हीरा इंडस्ट्री पर मंदी का साया, रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते खड़ी हुई दिक्कत

 सूरत

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अगस्त में दुनिया के सबसे ऑफिस स्पेस सूरत डायमंड बोर्स (SDB) का शुभारंभ किया था। इसके बाद सूरत डायमंड उद्योग के नई ऊंचाई पर जाने की उम्मीद की गई थी, लेकिन वैश्विक हालात में तनाव के चलते हीरा बाजार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा रहा है। अमेरिका में 75 फीसदी तक निर्यात गिर गए या है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अनुसार बीते तीन महीने में हालात और बिगड़े हैं। इसके चलते सूरत से होने वाले डायमंड का निर्यात 82 फीसदी गिर गया है।

10 दिन की छुट्‌टी का ऐलान
सूरत के डायमंड का निर्यात घटने का असर अब उद्योग पर दिखने लगा है। सूरत हीरा उद्योग के इतिहास में पहली बार छुट्‌टी घोषित की गई है। सूरत के बड़ी हीरा फर्म किरण जेम्स ने सावन के महीने में 10 दिन की छुट्‌टी का ऐलान किया है। किरण फर्म के ऐलान को हीरा उद्योग में बड़ी हलचल और मंदी से जोड़कर देखा जा रहा है। किरण जेम्स ने 10 अगस्ते से 27 अगस्त छुट्‌टी का ऐलान कर दिया है। डायमंड वर्कर्स यूनियन उपाध्यक्ष भावेश टांक ने सरकार से मांग की है कि सरकार ज्वैलर्स के लिए आर्थिक पैकेज और रत्नदीप योजना लागू करे। मंदी से निपटने के लिए ज्वैलर्स के लिए यही एकमात्र विकल्प है। कंपनी के छुट्‌टी घोषित करने से 50 हजार कर्मचारी अवकाश पर रहेंगे। किरण जेम्स की गिनती दुनिया की बड़ी प्राकृतिक हीरा कंपनियों में होती है।

क्यों आई है यह नौबत?
अमेरिका द्वारा रूसी मूल के हीरों पर प्रतिबंध लगाए जाने और 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जी-7 देशों द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा के बाद हीरा निर्माताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।किरण जेम्स के चेयरमैन वल्लभभाई लखानी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा किफिलहाल हीरा उद्योग बुरे दौर से गुजर रहा है। यह मंदी का दौर है क्योंकि वैश्विक स्तर पर पॉलिश किए गए हीरों की मांग नहीं है। हमने 10 दिन की छुट्टी घोषित की है ताकि हीरों के उत्पादन को नियंत्रित किया जा सके। कंपनी के इतिहास में ऐसा फैसला पहली बार लिया गया है। उन्होंने कहा कि पॉलिश किए गए हीरों की कीमत वैश्विक स्तर पर कम हो गई है और हीरा निर्माताओं के लिए अपना कारोबार चलाना मुश्किल हो गया है। अगर आपूर्ति नियंत्रित होती है, तो मांग बढ़ेगी और इससे उद्योग को फायदा होगा।

दीवाली पर होता है अवकाश
आमतौर पर हीरा कारखाने दिवाली के दौरान लंबी छुट्टियों पर चले जाते हैं। 17,000 करोड़ रुपये के सालाना कारोबार वाली किरण जेम्स, वैश्विक स्तर पर अग्रणी हीरा कंपनियों में से एक डी बीयर्स के साइट होल्डर्स (कच्चे हीरों के अधिकृत खरीदार) में से एक है। डी बीयर्स ने पहले इस साल जून में समाप्त होने वाली दूसरी तिमाही में कच्चे हीरे के उत्पादन में पहली तिमाही की तुलना में 15 प्रतिशत की कमी की सूचना दी थी, जिसका एक कारण सामान्य से अधिक इन्वेंट्री को बताया गया था। लखानी ने कहा कि मेरी फर्म में 50,000 से अधिक हीरा पॉलिशर काम करते हैं, जिनमें से 40,000 प्राकृतिक हीरे काटते और पॉलिश करते हैं, जबकि 10,000 लैब-ग्रोन डायमंड यूनिट में काम करते हैं।

मुआवज देने पर विचार: लखानी
लखानी ने कहा कि हम हीरा पॉलिशरों को छुट्टी के दिनों के लिए मुआवजा देने पर भी विचार कर रहे हैं। लखानी अपने कार्यालय को मुंबई से सूरत डायमंड बोर्स (एसडीबी) में स्थानांतरित करने वाले पहले लोगों में से थे। सूरत में कारोबार ठीक से न चलने के कारण मार्च में इस्तीफा देकर मुंबई लौटने से पहले वे एसडीबी के चेयरमैन भी थे। हालांकि वे कोर कमेटी का हिस्सा बने हुए हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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