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राजनीति

सीएम केजरीवाल ने फिर सुनाई चौथी पास राजा की कहानी

नई दिल्ली । दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ महारैली ‎निकाली। रैली में सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर कहानी सुनाकर घेरा। मुख्यमंत्री ने केंद्र पर दिल्ली में स्कूल से लेकर मोहल्ला क्लिनिक समेत अन्य विकास कार्यक्रमों में बाधा डालने का आरोप लगाया। इस दौरान केजरीवाल ने एक चौथी पास राजा की कहानी सुनाते हुए कहा कि चौथी पास राजा को समझ नहीं आ रहा कि देश को कैसे चलाना है। केजरीवाल ने 2000 के नोट को लाने फिर वापस लेने पर भी तंज कसा। केजरीवाल ने अपने भाषण के अंत में कहा कि इस कहानी को जितनी बार सुनोगे, सुनाओगे। उतनी ही भगवान की कृपा आपके परिवार के ऊपर बरसेगी। जिन लोगों ने कहानी सुनी है वो भी बड़े ध्यान से दुबारा सुनना। उन्होंने कहा कि ये कहानी एक चौथी पास राजा की है। राजा बहुत अहंकारी, भ्रष्टाचारी था। इस कहानी में राजा तो है ले‎किन रानी नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि कई हजार साल पुराना एक महान देश था। देश के एक गांव के गरीब घर में एक बच्चा पैदा हुआ। गांव का ज्योतिषि आया। उसने बच्चे की कुंडली देखी। बच्चे की मां को बोला कि माई तेरा बेटा बड़ा होकर बहुत बड़ा सम्राट बनेगा। माई को समझ नहीं आया कि मैं इतनी गरीब, मेरा परिवार इतना गरीब मेरा बेटा सम्राट कैसे बनेगा। खैर बच्चा, धीरे-धीरे बड़ा होने लगा। गांव के सरकारी स्कूल में उसका एडमिशन करा दिया। उसका पढ़ने लिखने में मन नहीं लगता था। पढ़ते-पढ़ते चौथी क्लास में आते ही उसने नाम कटवा लिया।
उसके घर में बहुत गरीबी थी। तो वो स्टेशन पर जाकर चाय बेचने लगा। वह भाषण बहुत अच्छा देता था। गांव के लड़कों को इकट्ठा कर लेता और भाषण देना चालू कर देता। धीरे-धीरे आसपास के गांव के लड़के भी इकट्ठे हो गए। कोई भी टॉपिक हो भाषण देना चालू कर देता। वो रुकता ही नहीं था, बच्चा बड़ा हुआ। राजा तो अनपढ़ था उसे कुछ पता नहीं था। अफसर आते उस अनपढ़ राजा से जहां मर्जी साइन करा लेते थे। धीरे-धीरे पूरे देश के अंदर फैल गया कि राजा अनपढ़ है। राजा को बड़ा बुरा लगने लगा। इस पर राजा ने कहीं से फर्जी एमए की डिग्री का जुगाड़ कर लिया। धीरे-धीरे राजा अहंकारी भी होता गया, उसपर अनपढ़। जो भी उस राजा के पास जाता कुछ भी पास कराके ले आता।
एक बार कुछ लोग गए और कहा कि नोटबंदी कर दो। इससे भ्रष्टाचार, आतंकवाद खत्म हो जाएगा। उन्होंने राजा की खूब चमची मारी और राजा ने एक दिन शाम को 8 बजे टीवी पर आकर नोटबंदी कर दी। पूरे देश का बेड़ा गर्क हो गया। बैकों के सामने लंबी-लंबी लाइनें लग गई। कई लोग मर गए। दुकानें बंद होगई। रोजगार बंद हो गए। बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज बंद हो गई। पूरे देश का बेड़ा गर्क हो गया। फिर कोई बोला कि 2000 का नोट ले आओ, राजा ले आया। 4 साल बाद कुछ लोग बोले की 2000 का नोट बंद कर दो। राजा ने बंद कर दिया। राजा को अक्ल तो थी नहीं। बेवकूफ, अनपढ़ था। एक बार कुछ लोगों ने कहा कि किसानों के कानून बना दो। इस कानून से किसानों का भला होगा। राजा ने कानून बना दिए। पूरे देश के किसान सड़कों पर उतर आए। आंदोलन में 750 किसानों की मौत हो गई। एक साल बाद राजा को तीनों कानून वापस लेने पड़े।

Dinesh Purwar

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