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छत्तीसगढ़

भूपेश कैबिनेट की बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय, अब एससी-एसटी और ओबीसी को शैक्षणिक संस्थाओं में मिलेगा 58% आरक्षण

 रायपुर-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास में कैबिनेट की अहम बैठक ली. इस दौरान महत्वपूर्व प्रस्तावों पर चर्चा हुई. कैबिनेट ने शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए आरक्षण लागू कर दिया है. इसके तहत अब शैक्षणिक संस्थाओं में  एससी-एसटी और ओबीसी के लिए में 58 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा.बैठक में राज्य के शैक्षणिक संस्थाओं में पूर्व प्रचलित आरक्षण व्यवस्था अंतर्गत प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्णय के परिपालन में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश अनुसार महाअधिवक्ता छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के अभीमत पत्र क्रमांक एजी/सीजी/बीएसपी/2023 दिनांक 03 अगस्त 2023 के परिप्रेक्ष्य में माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा प्रकरण क्रमांक S.L.P.(C)No.19668/2022 दिनांक 01 मई 2023 को नियुक्ति के संदर्भ में दिए गए अंतरिम राहत के अनुरूप ही शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश में भी आरक्षण अंतरिम तौर पर लागू करने की बात कही गई है। यह निर्णय माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में S.L.P.(C)No.19668/2022 में पारित अंतिम निर्णय के अध्याधीन होगा। पत्र में शासन के समस्त विभागों, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजस्व मंडल, सभी संभागीय आयुक्त, विभागाध्यक्ष, जिला अध्यक्ष तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को उपरोक्त निर्देशों का पालन करने सुनिश्चित करने को कहा गया है।

वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली यात्री गाड़ियों के अनियमित परिचालन से राज्य के लाखों नागरिकों को हो रही समस्याओं से अवगत कराया है,सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि रेलवे द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के कभी भी बड़ी संख्या में यात्री ट्रेनों को निरस्त करने की सूचना जारी कर दी जाती है. निरस्त ट्रेनें कब तक निरस्त रहेगी, इसकी भी जानकारी यात्रियों को नहीं दी जाती. यात्री ट्रेनों की निरस्ती के अलावा ट्रेनों के देरी से चलने से भी यात्रियों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि ट्रेनों के इस तरह असामान्य संचालन से छात्रों, तीर्थयात्रियों, मरीजों, रोजगार के लिए राज्य में आने वाले व्यक्तियों, व्यवसायियों, श्रमिकों तथा परीक्षार्थियों को काफी परेशानी हो रही है. राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी धीरे-धीरे इसका प्रभाव दिखने लगा है. लम्बी अवधि से ट्रेनों के निरस्त होने तथा देरी से चलने के कारण राज्यवासियों में आक्रोश व्याप्त है तथा, जिससे सरकार और रेलवे की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं.

सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण छत्तीसगढ़ में ट्रेनों का घनत्व राष्ट्रीय औसत से बहुत कम. देश के अन्य किसी भी राज्य में यात्री ट्रेनों के संचालन संबंधी इतनी अव्यवस्थाएं शायद नहीं होगी. स्थिति की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आपसे अनुरोध है कि आपके स्तर से रेलवे मंत्रालय को राज्य की यात्री ट्रेनों के पहले ती तरह सुचारू परिचालन सुनिश्चित करने के निर्देश देने का कष्ट करें ताकि राज्यवासियों को हो रही समस्याओं का अंत हो तथा उनके आक्रोश को शांत किया जा सके.

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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