बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने 2025 के बिहार चुनाव में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व के मसले पर अपना मन अभी नहीं बनाया
पटना
महाराष्ट्र में अकेले बहुमत से 13 सीट पीछे रहने के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री से डिप्टी सीएम बना चुकी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय नेतृत्व ने 2025 के बिहार चुनाव में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व के मसले पर अपना मन अभी नहीं बनाया है। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी समेत कई नेता बार-बार कह रहे हैं कि एनडीए 2025 का चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ेगा। लेकिन वरिष्ठतम भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश के नेतृत्व के मसले पर जब से कहा है कि तय होगा तब बताएंगे, तब से इस विषय पर चर्चा तेज होने लगी है।
अमित शाह ने एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में रविवार को कहा था कि एनडीए में दरार नहीं आएगी। जब टीवी के पत्रकार ने साफ तौर पर पूछा कि नीतीश कुमार को चेहरा बनाकर लड़ेंगे या मुंबई वाला फॉर्मूला भी चल सकता है तो भाजपा के सबसे सफल अध्यक्ष रहे अमित शाह ने कहा था- “पार्टी के नीतिगत फैसले इस तरह के कार्यक्रम में घोषित नहीं होते। आप भी जानते हो लेकिन आपका पूछने का धर्म है, पूछना पड़ता है और निकल जाए तो हेडलाइन मिले इसलिए पूछते हो। लेकिन मैं अनुशासित कार्यकर्ता हूं भारतीय जनता पार्टी का। ये संसदीय बोर्ड का अधिकार है। नीतीश कुमार जी की पार्टी का भी अधिकार है। सभी दल साथ में बैठकर हम तय करेंगे और तय करेंगे तो आपको बताएंगे।”
सिर्फ ललन सिंह, संजय झा या जेडीयू के नेता नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, ऐसा नहीं है। बिहार में भाजपा के कई बड़े नेता भी लगातार यही बात कह रहे हैं। नीतीश के राजग में लौटने से पहले तक आक्रामक रहे पुराने प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी जनवरी के बाद कई बार कह चुके हैं कि 2025 का चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ेंगे। 6 जून को लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद भी सम्राट ने अपनी बात को दोहराया था।
इसी साल 26 जुलाई को प्रदेश अध्यक्ष बने दिलीप जायसवाल ने पहले ही दिन मीडिया से कहा था कि 2025 का चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ेंगे और फिर से एनडीए की सरकार बनेगी। नीतीश ने 2025 के चुनाव के मद्देनजर 28 अक्टूबर को एनडीए दलों के नेताओं की मीटिंग बुलाई थी जिसमें 243 में 220 सीट जीतने का लक्ष्य रखा गया। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उस बैठक में भी दोहराया कि नीतीश की अगुवाई में चुनाव लड़ेंगे।
पिछले महीने बिहार विधानसभा की चार सीटों के उप-चुनाव में सारी सीटों पर एनडीए की जीत के बाद दिलीप जायसवाल ने कहा था कि मगध और शाहाबाद की जनता ने भी मान लिया है कि शांति और सौहार्द के साथ विकास चाहिए तो नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चाहिए। इनसे दो दिन पहले सम्राट चौधरी ने कहा था कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए फिर से सरकार बनाएगी।
बिहार सरकार में भाजपा के सबसे सीनियर नेता सम्राट चौधरी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात लगातार कह रहे हैं। पिछले हफ्ते ही नीतीश से मिलने के बाद पूर्व मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा था कि नीतीश के नेतृत्व में बिहार का तेज गति से विकास हो रहा है। 2025 में भी एनडीए उनके नेतृत्व में अपार सफलता हासिल करेगा।
अश्विनी चौबे के बयान से जेडीयू में खलबली, डैमेज कंट्रोल करने नीतीश के पास पहुंचे सम्राट चौधरी
नीतीश के नेतृत्व पर भाजपा के बड़े नेताओं में सिर्फ पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने सवाल उठाया है। तीसरी बार नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद चौबे ने कहा था कि 2025 में चुनाव और सरकार का नेतृत्व भाजपा को करना चाहिए। गिरिराज सिंह 28 जनवरी से पहले तक 2025 में भाजपा की सरकार बनने का दावा करते थे लेकिन नीतीश के लौटने के बाद इस मसले पर कुछ नहीं बोलते। सीएम हाउस पर एनडीए की बैठक में हिन्दू स्वाभिमान यात्रा करके लौटे गिरिराज सिंह को पीछे की लाइन में बिठाया गया था।
2020 के चुनाव में भाजपा से काफी कम सीट पर जीत के बाद भी नीतीश को भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाया था। लेकिन एकनाथ शिंदे के साथ जो महाराष्ट्र में हुआ, उससे राजनीतिक सुगबुगाहट तो है ही। ऐसे में अमित शाह का यह कहना कि सारे दल बैठकर तय करेंगे और जब तय हो जाएगा तो बताएंगे, भविष्य की राजनीति पर सस्पेंस बढ़ाने जा रहा है।
ऐसा नहीं है कि बिहार भाजपा में सारे नेता नीतीश के नेतृत्व में लड़ने को आतुर हैं। कुछ नेता हैं जो किसी चमत्कार और बड़े फैसले की आस में हैं। फिलहाल बिहार सरकार और संगठन में पार्टी का नेतृत्व कर रहे नेताओं को दिल्ली से एक संकेत मिल गया है। अमित शाह के बयान के बाद सम्राट चौधरी या दिलीप जायसवाल आगे मीडिया के सवाल पर क्या बोलते हैं, ये देखने वाली बात होगी।