RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

लैंगिक समानता के लिए प्रौद्योगिकी में समानता आवश्यक: स्मृति ईरानी

नई दिल्ली
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लैंगिक समानता के लिए प्रौद्योगिकी में समानता सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता पर बुधवार को जोर दिया। महिला सशक्तीकरण पर ‘इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स’ में एक सम्मेलन में अपने संबोधन में ईरानी ने एआई प्रणालियों में अंतर्निहित प्रणालीगत पूर्वाग्रहों पर प्रकाश डाला और इन असमानताओं को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया।

उन्होंने हितधारकों से आग्रह किया कि वे महिला सशक्तीकरण की आधारशिला के रूप में डिजिटल समानता को प्राथमिकता दें। ईरानी ने कहा, ‘‘एआई के युग में यह पुरुष का महिला से या महिला का पुरुष से मुकाबला नहीं है। यह मुकाबला है मानवता का इस बात से कि एआई हमारे साथ क्या करेगा।’’ उन्होंने एक शोध का हवाला दिया जिसमें इस बात का खुलासा किया गया है कि दुनिया भर में 133 एआई प्रणालियों में से 44 प्रतिशत एआई प्रणालियां लैंगिकता -समावेशी नहीं हैं।

ईरानी ने एआई-संचालित वित्तीय प्रणालियों में लैंगिक पूर्वाग्रह का एक उदाहरण साझा किया। उन्होंने कहा, ‘‘एक महिला जिसकी आय, कर रिटर्न और वित्तीय स्थिति उसके पति के ही समान थी उसे उसके पति की तुलना में 10 प्रतिशत कम क्रेडिट सीमा की पेशकश की गई। एक अन्य महिला की क्रेडिट सीमा उसके पति की तुलना में 20 गुना कम निर्धारित की गई, जबकि उनकी वित्तीय स्थिति भी समान थी।’’ पूर्व मंत्री ने वित्तीय समावेशन में भारत की प्रगति की सराहना की तथा ‘जन धन योजना’ और ‘मुद्रा’ ऋण योजना जैसी पहलों का हवाला दिया और कहा कि इनसे लाखों महिलाएं सशक्त हुई हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button