प्रदेश में हारी हुई सीटों के प्रत्याशियों पर भाजपा का मंथन पूरा, तीन दर्जन और सीटों पर तय किए सिंगल उम्मीदवार
भोपाल
मध्य प्रदेश में हारी हुई विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों पर भाजपा का मंथन पूरा हो गया है। भाजपा सितंबर के पहले पखवाड़े में हारी हुई सीटों पर प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर सकती है। पिछले चुनाव में भाजपा 103 पर हार गई थी। इनमें से 39 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। अब पार्टी जल्द ही बची 64 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी करेगी।
भाजपा ने 39 सीटों पर प्रत्याशी ऐलान करने के बाद अब बची हुई 64 सीटों में से लगभग तीन दर्जन सीटों पर सिंगल नाम तय कर लिए हैं। ये वे सीटें हैं, जो पिछले चुनाव में भाजपा हार गई थी। हारी हुई 103 सीटों में से उम्मीदवार का ऐलान का इंतजार कर रहे 64 सीटों में से कुछ पर दावेदारों की संख्या ज्यादा होने के कारण पेंच फंस गया है। इन नामों को लेकर प्रदेश भाजपा के नेता बैठक कर सिंगल नाम तय कर सकते हैं। हालांकि भाजपा के कुछ नेता चाहते हैं कि उम्मीदवारों का ऐलान अब जनआशीर्वाद यात्रा के बाद ही हो। उम्मीदवारों का ऐलान कब किया जाए इस संबंध में अब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय लेना है।
केंद्रीय चुनाव समिति लगाएगी मुहर
जिन विधानसभा क्षेत्रों में अब प्रत्याशी चयन को लेकर सिंगल नाम हैं उनमें दमोह, बिजावर, निवास, लखनादौन, कटंगी, बड़नगर, जबलपुर उत्तर, डबरा, राघोगढ़, राजनगर, बैतूल, बुरहानपुर, नागदा, श्योपुर शामिल हैं। जबकि बाकी पर दो से तीन नामों का पैनल बन चुका है। इस पैनल में से एक ही नाम तय करने के लिए प्रदेश भाजपा के नेता जल्द ही आपस में मंत्रणा कर सकते हैं। इन लोगों की रायशुमारी के बाद इन सभी पर सिंगल नाम जल्द ही तय कर लिए जाएगा। सभी हारी हुई सीटों पर सिंगल नाम तय कर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे जाएंगे। जहां पर इन पर अंतिम मुहर लगेगी। इसके बाद ही प्रत्याशियों का ऐलान होगा।
एक ही फॉमूर्ला जिताऊ चेहरा
भाजपा ने प्रत्याशी चयन का फॉमूर्ला सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार रखा है। इसके सामने पार्टी परिवारवाद और उम्र का भी कोई बंधन नहीं रख रही है। पार्टी हर कीमत पर कीमत पर 2023 का चुनाव जीतना चाहती है, क्योंकि इससे ही केंद्र में भाजपा की 2024 की राह आसान होगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कुछ सीटों पर पार्टी ने सिंगल नाम तय कर लिए हैं। यहां पर पार्टी के सर्वे और स्थानीय नेताओं ने भी एक राय से उनके नाम पर सहमति दे दी है। वहीं, कुछ सीटों पर दो से तीन लोगों का पैनल बनाया गया है। दरअसल इन सीटों पर सर्वे रिपोर्ट के बाद भी दो से तीन उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने का दावा किया है। ऐसे में अब पार्टी ने उनका पैनल बनाकर शीर्ष नेतृत्व को भेजना का निर्णय लिया है। साथ ही नेताओं ने किसी भी प्रकार के अंदरुनी कलह बढ़ने से पहले ही उसके डैमेज कंट्रोल की तैयारी भी शुरू कर दी है।
ये है सिंगल नाम
राघोगढ़ से भाजपा इस बार पुराने कांग्रेस नेता हीरेंद्र सिंह बंटी को उम्मीदवार बना सकती है। उनका सिंगल नाम इस सीट से हैं। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट हैं। जिस पर पिछले दो बार से उनके बेटे जयवर्धन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट कांग्रेस बड़े अंतर से जीतती रही है। वहीं दमोह से जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया का टिकट लगभग तय हैं। उनका नाम सिंगल ही इस सीट से बचा है। वहीं शाजापुर से पूर्व विधायक अरुण भीमावत, पिछला चुनाव समाजवादी पार्टी से लड़े और विधायक बने राजेश शुक्ला इस बार भाजपा से बिजावर में उम्मीदवार होंगे। वहीं राजनगर से अरविंद पटैरिया, डबरा से पूर्व मंत्री इमरती देवी, जबलपुर उत्तर से धीरज पटैरिया, बड़नगर से मुकेश पंड्Þया, कटंगी से पूर्व सांसद बोध सिंह भगत, निवास से रामप्यारे कुलस्ते, बैतूल से हेमंत खंडेलवाल, बुरहानपुर से अर्चना चिटनीस, नागदा से दिलीप सिंह शेखावत, श्योपुर से दुर्गालाल विजय के सिंगल नाम हैं। वहीं कई सीटों पर अभी पैनल बना हुआ है। जिसमें दो से चार दावेदारों के नाम इसमें शामिल हैं। इन नामों पर भी जल्द ही विचार कर एक-एक नाम तय कर लिया जाएगा।