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राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल में सोना तस्करी मामले में आरोपित चीनी नागरिक भारत में गिरफ्तार

काठमांडू
नेपाल में हुए एक क्विंटल सोने की तस्करी मामले में मुख्य अभियुक्तों में से एक चीनी नागरिक को भारत में प्रवेश करने के दौरान गिरफ्तार किया गया है। नेपाल में सोने की तस्करी मामले में शिकंजा कसते जाने के बाद भारत भागने की कोशिश कर रहे चीनी नागरिक को भारतीय सीमा में प्रवेश के समय गिरफ्तार किया गया।

सोने की तस्करी मामले की जांच कर रहे केन्द्रीय अनुसंधान ब्यूरो (सीआईबी) के मुताबिक हांगकांग में रहकर नेपाल में सोने की खेप भेजने वाले मुख्य आरोपितों में एक चीनी नागरिक पेंग योंगसीन को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से गिरफ्तार किया गया। सीआईबी ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सोने की तस्करी में शामिल फरार लोगों की सूची भेजी थी। इसी आधार पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने चीनी नागरिक को भारत में प्रवेश करते समय गिरफ्तार किया।

एसएसबी ने सीआईबी को जानकारी साझा करते हुए बताया कि चीनी नागरिक को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के कारण जासूसी के आरोप में पकड़ा गया है। नेपाली नागरिक बन कर सीमा पार करते समय एसएसबी ने पेंग योंगसीन को गिरफ्तार कर उसकी तलाशी लेने पर उसके पास से चीन का पासपोर्ट बरामद किया।

सीआईबी प्रमुख किरण बज्राचार्य ने कहा कि भारतीय एसएसबी से समन्वय कर पकडे गए चीनी नागरिक से पूछताछ करने के लिए जल्द ही एक टीम भेजी जाएगी। सीआईबी ने सोना तस्करी मामले में अदालत में जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें पेंग योंगसीन को मुख्य अभियुक्तों में एक बताया है।

चीन ने अफगानिस्तान में नियुक्त किया राजदूत, तालिबान शासन में ऐसा करने वाला बना पहला देश

काबुल
 चीन ने अफगानिस्तान में तालिबान शासन लागू होने के बाद नया राजदूत नियुक्त कर दिया है। चीन ऐसा करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है जिसने काबुल में तालिबान के दो वर्ष के शासनकाल में राजदूत नियुक्त कर अफगानिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों का स्तर बढ़ाया है।

चीन के इस कदम पर तालिबान ने खुशी जताते हुए अन्य देशों से अफगानिस्तान के साथ ऐसे ही गर्मजोशी वाले संबंध कायम करने का अनुरोध किया है। वहीं चीन ने राजदूत नियुक्त करने के अपने कदम पर सफाई दी है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजदूत पद पर यह सामान्य नियुक्ति है। इससे अफगानिस्तान के साथ बातचीत और सहयोग में मदद मिलेगी।

चीन के झाओ जिंग ने प्रेसिडेंट पैलेस पहुंचकर तालिबान सरकार के कार्यकारी प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद को राजदूत पद पर अपनी नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए। तालिबान सरकार की ओर से आयोजित समारोह में चीनी राजदूत के दस्तावेज स्वीकार किए। इस मौके पर अफगानिस्तान के कार्यकारी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भी मौजूद थे। यह जानकारी तालिबान सरकार के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने दी है।

अफगानिस्तान में चीन के पूर्व राजदूत वांग यू 2019 से काबुल में कार्य कर रहे थे और बीते अगस्त में ही उनका कार्यकाल पूरा हुआ था। पाकिस्तान और यूरोपीय यूनियन ने भी तालिबान के शासनकाल में काबुल स्थित अपने दूतावासों का नेतृत्व करने के लिए वरिष्ठ राजनयिक भेजे हैं लेकिन उन्हें राजदूत का पद न देकर चार्ज द अफेयर्स का ओहदा दिया है।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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