RO.NO.12879/162
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

प्राथिमक विद्यालय सर्वेक्षण पर गलत रिपोर्ट देने पर 40 बीएसए को चेतावनी

लखनऊ
प्रदेश के कक्षा एक से लेकर आठ तक के प्राइमरी स्कूलों के बारे में पोर्टल पर अपलोड सूचनाओं से फील्ड सर्वेक्षण की फीडबैक काफी भिन्न मिली है। पोर्टल और फीडबैक के विरोधाभासी रिपोर्ट पर स्कूल महानिदेशालय ने 40 से अधिक बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। दरअसल, प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकासखण्डों की प्रगति की समीक्षा 5 विषयों के तहत 75 इंडीकेटर्स के आधार पर की जाती है। आकांक्षात्मक विकास खण्ड की प्रगति के अनुश्रवण के लिए बनाए गए पोर्टल पर फीड किए गए डाटा एवं यूनिसेफ के द्वारा सर्वेक्षण एवं अनुश्रवण के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में विरोधाभास है। इस पर स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों से जुड़े जिले के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सख्त खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

महानिदेशक की ओर से संबंधित बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा गया है कि आकांक्षात्मक विकास खण्डों का उन्नयन प्रदेश के सर्वोच्च प्राथमिकता में है तथा इसकी समीक्षा मुख्यमंत्री द्वारा नियमित रूप से की जाती है। ऐसे में लापरवाही पूरी तरह से अक्षम्य है। पोर्टल पर फीड होता डाटा प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों में प्रगति के अनुश्रवण के लिए निर्धारित 75 इंडीकेटर्स का प्रमाणिक डाटा एनआईसी द्वारा बनाए गए पोर्टल पर जिला स्तर पर फीड किया जाता है। निर्देश दिए गए हैं कि जिन विद्यालयों में किसी स्तर पर कमी रह गई है तो उसे तत्काल दुरुस्त कर पोर्टल पर अपलोड किया जाए।

फील्ड सर्वेक्षण में इस तरह मिला विरोधाभास
मार्च 2023 तक औसतन 97 प्रतिशत विद्यालयों में पूर्ण रूप से क्रियाशील बालिका शौचालयों का उललेख है जबकि यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार बमुश्किल 78 फीसदी बालिका शौचालय ही क्रियाशील है। 15 आकांक्षत्मक विकास खण्डों के प्राथमिक विद्यालयों में 50 प्रतिशत से कम विद्यालयों में बालिकाओं के लिए बने शौचालय क्रियाशील पाए गए।

इसी प्रकार से पोर्टल पर फीड डाटा के अनुसार मार्च 2023 तक 97 फीसदी विद्यालयों में पेयजल उपलब्ध बताया गया है जबकि यूनीसेफ की रिपोर्ट के अनुसार मात्र 91 प्रतिशत में ही ऐसा पाया गया है। इनमें भी 12 विकास खण्डों में 70 प्रतिशत से कम विद्यालयों में पेयजल की उपलब्धता दिखी।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12879/162

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button