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मत्स्य-उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि के लिये म.प्र. सरकार बधाई की पात्र : केन्द्रीय मंत्री रूपाला

मछुआरा समाज के विकास के लिये म.प्र. सरकार संकल्पित : मछुआ कल्याण मंत्री सिलावट
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की तीसरी वर्षगांठ पर हुआ कार्यक्रम

भोपाल

केन्द्रीय मत्स्य-पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने कहा है कि गत 3 वर्षों में मध्यप्रदेश में मत्स्य-उत्पादन में 3 गुना वृद्धि हुई है। प्रदेश में प्रधानमंत्री मत्स्य-संपदा योजना और मछुआरा क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से मत्स्य-उत्पादन बढ़ा है और मछुआरों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। रूपाला ने इसके लिये मध्यप्रदेश सरकार को बधाई दी।

केन्द्रीय मंत्री रूपाला ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भोपाल में 25 करोड़ रूपये की लागत से एक्वा पार्क के निर्माण की मंजूरी दे दी गई है। पार्क में अनुसंधान केन्द्र, प्र-संस्करण सुविधा, जल पर्यटन, सजावटी मत्स्य-पालन जैसी सुविधाएँ होंगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तटीय मत्स्य-पालन अधिनियम (कोस्टल एक्वाकल्चर एक्ट) के संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। भारत को अपनी वैश्विक रैंकिंग को बनाये रखने के लिये झींगा पालन को बढ़ावा देना चाहिए।

प्रधानमंत्री मत्स्य-संपदा योजना के देश में क्रियान्वयन के सफल 3 वर्ष पूरे होने पर आज ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर इंदौर में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ केन्द्रीय मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला और प्रदेश के जल संसाधन एवं मछुआ कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने किया। केन्द्रीय मत्स्य-पालन राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान एवं डॉ. एल. मुरूगन, अध्यक्ष मध्यप्रदेश मत्स्य कल्याण बोर्ड सीताराम बाथम, अरूणाचल प्रदेश के कृषि बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य-पालन मंत्री तागे ताकी और सांसद शंकर लालवानी उपस्थित थे।

जल संसाधन एवं मछुआ कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि देश और प्रदेश के विकास में मछुआ समुदाय का योगदान सराहनीय है। मछुआ समुदाय का चहुँमुखी विकास जरूरी है और मध्यप्रदेश सरकार इसके लिये संकल्पित और प्रतिबद्ध है। प्रदेश में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के सफल क्रियान्वयन से गत 3 वर्षों में मछुआ समाज के कल्याण और मत्स्य-पालन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हुई है।

239 नई परियोजनाएँ स्वीकृत

केन्द्रीय मंत्री रूपाला ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों के लिये पीएमएमएसवाय में 103 करोड़ 11 लाख रूपये लागत की 239 नयी मत्स्य-पालन परियोजनाएँ स्वीकृत की हैं। इन परियोजनाओं में झींगा पालन, मोती पालन, केज कल्चर, कोल्ड स्टोरेज आदि के क्षेत्र में कार्य होगा।

रूपाला ने कार्यक्रम स्थल पर मत्स्य पालन प्रदर्शनी का शुभारंभ और भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र की प्रगति यात्रा संबंधी पुस्तक का विमोचन भी किया। प्रदर्शनी स्टॉलों में भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण, राष्ट्रीय मत्स्य पालन पोस्ट हार्वेस्ट प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण संस्थान, केंद्रीय मत्स्य-पालन संस्थान और नॉटिकल इंजीनियरिंग संस्थान की गतिविधियों के साथ-साथ विभिन्न उद्यमियों द्वारा बेचे जा रहे जाल, चारा, मूल्य वर्धित उत्पादों आदि को प्रदर्शित किया गया है।

कार्यक्रम में 35 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों, 239 परियोजना लाभार्थियों, मत्स्य-पालन सहकारी समितियों, सागर मित्र, राज्य मत्स्य-पालन संस्थानों, विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए। केन्द्रीय मत्स्य-पालन सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी और केन्द्रीय संयुक्त सचिव डीओएफ सागर मेहरा ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। एनएफडीबी के सीई डॉ. एल.एन. मूर्ति ने आभार माना।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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