RO.NO.12879/162
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

एनआईए की विशेष अदालत ने बेंगलुरु नकली नोट मामले में छठे आरोपित को दोषी ठहराया

नई दिल्ली
एनआईए की विशेष अदालत ने बांग्लादेश से कर्नाटक के रास्ते भारत में भारी मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाले नकली नोटों की तस्करी से जुड़े बेंगलुरु नकली मुद्रा मामले में एक महिला को दोषी ठहराया है।

वनिता उर्फ 'थंगम' नामक महिला इस मामले में दोषी ठहराए जाने वाली छठी आरोपित है। उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 489 बी (असली नकली मुद्रा नोटों के रूप में उपयोग करना) के तहत छह साल की कैद, आईपीसी की धारा 489 सी (नकली मुद्रा नोटों का कब्ज़ा) के तहत पांच साल की कैद और आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दो साल की करावास की सजा सुनाई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। कोर्ट ने वनिता पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

वर्ष 2018 में एनआईए के साथ एक संयुक्त अभियान में कर्नाटक पुलिस ने 4.34 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ तीन अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद वनिता से 2.50 लाख रुपये के अंकित मूल्य के नकली नोट जब्त किए थे। एनआईए के मुताबिक शुरुआत में 2018 में एनआईए अधिकारी द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कर्नाटक पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद एनआईए ने इस मामले में फिर से केस दर्ज किया और गहन जांच और निगरानी की। उससे मुख्य आरोपित अब्दुल खादिर के नेतृत्व वाले नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) रैकेट का पर्दाफाश हुआ।

एनआईए की आगे की जांच में बेंगलुरु में तीन लोगों द्वारा नकली नोटों के संभावित लेनदेन का संकेत मिला। तब 2018 से 2022 के बीच एनआईए ने आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। इनमें से तीन आरोपित मोहम्मद सज्जाद अली उर्फ 'चाचू', एम जी राजू उर्फ 'मास्टर' और अब्दुल कादिर को विशेष अदालत ने छह छह साल कैद की सजा सुनाई। एनआईए ने कहा कि दो अन्य आरोपितों, गंगाधर खोलकर और सबीरुद्दीन को भी बाद में दोषी ठहराया गया और विशेष अदालत ने छह साल कैद की सजा सुनाई।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12879/162

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button