RO.NO.12879/162
खेल जगत

संजय मांजरेकर ने बताई सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली की समानता, बोले- उन्हें पावर नहीं चाहिए

 नई दिल्ली

भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली की तुलना हमेशा होती रहती है। दोनों क्रिकेट के महान खिलाड़ी हैं। एक खेल चुके हैं और एक खेल रहे हैं। कोहली की तुलना सचिन से इसलिए भी की जाती है, क्योंकि विराट ही एकमात्र खिलाड़ी हैं, जो सचिन तेंदुलकर के बड़े से बड़े रिकॉर्ड को धराशायी करते हुए आ रहे हैं। इस बीच पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कहा है कि सचिन की तरह विराट कोहली को भी पावर या लीडरशिप नहीं चाहिए।  

सचिन तेंदुलकर के 49 ODI शतकों के बेहद करीब पहुंच चुके विराट कोहली अब तक 77 शतक इंटरनेशनल क्रिकेट में जड़ चुके हैं। कोहली इंटरनेशनल क्रिकेट में शतक जड़ने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं। सचिन ने 100 शतक जड़े हैं। हालांकि, विराट कोहली जल्द वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर को शतकों के मामले में पीछे छोड़ देंगे, क्योंकि विराट 47 शतक अब तक जड़ चुके हैं। सचिन ने 49 शतक लगाए हैं।
 
भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का कहना है कि कोहली और तेंदुलकर दोनों क्रिकेट खेलने का आनंद लेते हैं। मांजरेकर ने विमल कुमार को दिए इंटरव्यू में कहा, "विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर के बीच एक समानता यह है कि दोनों को क्रिकेट खेलना पसंद है। वे मैदान पर रहना चाहते हैं। वह बांग्लादेश के खिलाफ मैच में टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन फिर भी मैदान पर थे। मुझे नहीं लगता कि विराट कोहली पावर या लीडरशिप चाहते हैं।"

मांजरेकर ने उस बात का जिक्र किया जब विराट कोहली बांग्लादेश के खिलाफ मैच का हिस्सा नहीं थे, लेकिन ड्रिंक्स लेकर मैदान पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा, "वह सिर्फ खेलना चाहते हैं और ऐसा लगता है कि उसे टीम का हिस्सा बनने में मजा आ रहा है। उन्होंने काफी लंबे समय तक टीम की कप्तानी की, इसलिए अधूरे सपने की कोई गुंजाइश नहीं है। टीम के साथ रहना, खिलाड़ियों के साथ यात्रा करना, मैदान पर जाना और जीत के क्षणों का हिस्सा बनना उनके लिए ताकत से ज्यादा महत्वपूर्ण है।"

हालांकि, भारत के पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि कोहली के लिए टेस्ट क्रिकेट में तेंदुलकर से आगे निकलना मुश्किल होगा। कोहली के नाम इस समय 29 टेस्ट शतक हैं, जबकि तेंदुलकर 51 के साथ इस सूची में शीर्ष पर हैं। उन्होंने कहा, "सचिन तेंदुलकर के नाम 51 शतक हैं, जो सुनील गावस्कर की तुलना में 17 अधिक हैं। एक अच्छे खिलाड़ी के लिए वनडे में रन जमा करना तुलनात्मक रूप से आसान होता है, क्योंकि गेंदबाज हमेशा विकेट लेने की कोशिश नहीं करते हैं। तेंदुलकर और कोहली विशेष हैं, क्योंकि उनके नाम भी कई टेस्ट शतक हैं। हालांकि, मेरा मानना है कि कोहली के लिए 51 टेस्ट शतक तक पहुंचना बहुत मुश्किल होगा।"

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12879/162

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button