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राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

हेली ने टिकटॉक के मुद्दे पर रामास्वामी की कटु आलोचना की

वाशिंगटन
 रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद की दावेदार निक्की हेली ने पार्टी की प्रायमरी की दौड़ में अपने प्रतिद्वंद्वी विवेक रामास्वामी के चीनी ऐप टिकटॉक से जुड़ने के लिए उनकी आलोचना की और कहा कि ''जितनी बार आपको सुनती हूं, मुझे और बेकफूक लगते हैं।''

दक्षिण कैरोलिना से दो बार गवर्नर रहीं और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत हेली 38 वर्षीय बायोटेक उद्यमी रामास्वामी की कटु आलोचक हैं और दोनों के बीच रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद की दूसरी प्रायमरी बहस के दौरान तीखी झड़प हुई थी। यह प्रायमरी कैलिफोर्निया में सिमी वैली स्थित रीगन लाइब्रेरी में आयोजित की गई थी।

इस बहस के दौरान हेली ने रामास्वामी से कहा,'' जितनी बार भी आपको सुनती हूं आप और बेवकूफ लगते हैं। यह इसलिए गुस्सा दिलाने वाला है क्योंकि टिकटॉक सबसे अधिक खतरनाक सोशल मीडिया ऐप है।''

दो घंटे तक चली बहस में कई मुद्दों पर दोनों दावेदार एक-दूसरे से भिड़ते दिखाई दिए। रामास्वामी से टिकटॉक इस्तेमाल करने के बारे में एक सवाल पूछा गया था जिसका वह जवाब दे रहे थे तभी हेली (51) ने यह टिप्पणी की। टिकटॉक वीडियो साझा करने वाला एक ऐप है जिस पर भारत सहित कई देशों ने प्रतिबंध लगाया है।

उनसे पूछा गया था कि चीनी सरकार के साथ इसकी मूल कंपनी के संबंधों के कारण सरकार द्वारा जारी उपकरणों पर, टिकटॉक पर रोक होने के बावजूद, वह टिकटॉक में शामिल हुए हैं। हेली ने आलोचना करते हुए कहा, ''15 करोड़ लोग टिकटॉक पर हैं। इसका मतलब है कि वे अपके संपर्क नंबर ले सकते हैं, आपकी आर्थिक जानकारियां हासिल कर सकते हैं, आपका ईमेल ले सकते हैं…।''

 

अमेरिका में भारतीय नागरिक स्वास्थ्य देखभाल में 28 लाख अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी का दोषी

वाशिंगटन
 मिशिगन में संघीय न्यायाधीश ने एक भारतीय नागरिक को स्वास्थ्य देखभाल में 28 लाख अमेरिकी डॉलर की रकम की धोखाधड़ी करने और धन शोधन में संलिप्त होने का दोषी करार दिया।

अदालत के अनुसार, सुनवाई के दौरान पेश किए गए दस्तावेज और साक्ष्य से यह पता चलता है कि योगेश पंचोली (43) अमेरिकी राज्य मिशिगन में एक स्वास्थ्य कंपनी 'श्रृंग होम केयर इंक' का मालिक था और उसका संचालन स्वयं करता था।

बयान के अनुसार, स्वास्थ्य संबंधी मामलों में मरीजों के लिए स्वास्थ्य संबंधी देखरेख के बिल बनाने की प्रक्रिया से अलग किए जाने के बावजूद पंचोली ने श्रृंग को खरीदा और कंपनी के अपने स्वामित्व को छुपाने के लिए दूसरों के नाम, हस्ताक्षर और व्यक्तिगत पहचान संबंधी जानकारी का उपयोग किया।

दो महीने की अवधि में पंचोली और उसके सह-साजिशकर्ताओं को लोगों ने बिल मिलने के बाद करीब 28 लाख अमेरिकी डॉलर की रकम का भुगतान स्वास्थ्य संबंधी उन सुविधाओं के लिए किया जो उन्हें कभी दी ही नहीं गईं।

पंचोली ने इसके बाद इस रकम को मुखौटा कंपनियों से संबंधित बैंक खातों के जरिए हस्तांतरित किया और फिर भारत में अपने खातों में भेज दिया।

ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ मिशिगन में संघीय न्यायाधीश ने पंचोली को स्वास्थ्य संबंधी धोखाधड़ी और टेलीकॉल के जरिए धोखाधड़ी करने का दोषी करार दिया। पंचोली पर चोरी, गवाहों को प्रभावित करने, धन शोधन, पहचान छुपाने के आरोप हैं। उसे 10 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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