मुख्यमंत्री ग्राम सांकरदाहरा में राष्ट्रीय संत सम्मेलन एवं किसान मिलन समारोह में हुए शामिल
छत्तीसगढ़ की प्राचीन संस्कृति एवं परम्पराओं से बनी पहचान: मुख्यमंत्री
गौ सेवा करने से संतों का मिलता है आर्शीवाद
रायपुर-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड के ग्राम सांकरदाहरा में चातुर्मास महोत्सव के समापन अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय संत सम्मेलन एवं किसान मिलन समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य जनता की सेवा करना है। गरीब एवं जरूरतमंदों, माताओं, वनांचल क्षेत्र के आदिवासियों, किसान, मजदूर एवं संत महात्मा की सेवा करना है। हमारी सरकार ने लगातार इस दिशा में कार्य करते हुए लगभग 5 वर्ष पूर्ण किया है और इन 5 वर्षों में कई चुनौतियां भी रहीं। कोविड-19 संक्रमण के समय विकट संकट आया। इस महामारी के दौरान सरकार द्वारा किसानों की मदद के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना लाई गई। संतों का ध्यान गौवंश की रक्षा में रहता है। गौ सेवा करने से संतों का आशीर्वाद मिलता है, क्योंकि यह संतों के हृदय की बात होती है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पहले छत्तीसगढ़ नक्सलगढ़ के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब छत्तीसगढ़ हमारी प्राचीन संस्कृति और परम्पराओं के लिए जाना जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को संत महात्माओं का आशीर्वाद लगातार मिल रहा है और छत्तीसगढ़ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में ट्रेक्टर एवं हारवेस्टर जैसे आधुनिक यंत्र आ गये हैं। बैल को खुले में छोड़ देने के कारण फसलों को नुकसान होता है। सरकार द्वारा गौठान की परम्परा को मजबूत करने की कोशिश की गई। गौठानों को पुनर्जीवित करते हुए साढ़े 10 हजार गौठान बनाये गये हैं। सरकार द्वारा गौठानों के माध्यम लगभग डेढ़ लाख एकड़ जमीन आरक्षित की गई है। बिना किसी विवाद एवं दण्ड के गौमाता के नाम से प्रदेश भर में गौठान एवं चारागाह के लिए जमीन आरक्षित की गई। गौठानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गौमाता गौठान डे-केयर के रूप में रहे और शाम को गौमाता अपने मालिक के पास रहे, ताकि लोगों का जुड़ाव गौमाता से बना रहे। गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए प्रति किलो में गोबर खरीदी की है। अब तक 135 लाख क्विंटल गोबर खरीदी की गई है और 270 करोड़ रूपए गोबर बिक्री करने वाले पशुपालकों के खाते में चला गया है। खरीदे गये गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया गया और 12 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट खेतों में पहुंच गया है और हम जैविक खेती की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यह इस बात का उदाहरण है कि गोबर से इतना बड़ा व्यापार खड़ा हो सकता है। गौठान के कारण फसल चराई की शिकायत नहीं आती। गौठान में अब बाड़ी, गमला, दीया, प्राकृतिक पेंट निर्माण किया जा रहा है। अब तक 4 लाख लीटर प्राकृतिक पेंट का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों एवं शासकीय भवनों को प्राकृतिक गोबर से किया जा रहा है और एक व्यवसाय खड़ा किया गया है। गोबर खरीदी होने से गौमाता की अच्छी सेवा हो रही है। रासायनिक खाद से प्राप्त अन्न से कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं। जैविक खेती को अपनाते हुए मानवता की सेवा की दिशा में आगे बढ़ रहे है, जिससे बीमारियां कम होगी। सरकार द्वारा राम वन गमन पथ बनाया गया है। चंदखुरी में माता कौशिल्या का निवास होने के कारण भगवान श्रीराम का ननिहाल है। शिवरीनारायण, चम्पारण एवं अन्य धार्मिक स्थलों को पर्यटकों के लिए विकसित किया जा रहा है। नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज में प्राचीन वृक्ष लगाए जा रहे हैं। आदिवासियों के लिए देवगुड़ी, सतनामी समाज के लिए मॉडल जैतखाम, दामाखेड़ा में कबीर सरोवर का निर्माण कर रहे है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी संतों का साल भेंट कर सम्मानित किया और संतों से छत्तीसगढ़ की प्रगति एवं सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर अंनत श्री विभुषित कनिष्ठ जगत गुरू शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी महाराज, महात्यागी महामण्डलेश्वर श्री राम बालक दास भी उपस्थित थे।