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त्यौहारों से पहले जी.एस.टी. काऊंसिल ने बढ़ाई मिठास, गुड़ समेत कई चीजों पर कम हुआ टैक्स

नई दिल्ली 
 जी.एस.टी. काऊंसिल ने त्यौहारों से पहले लोगों को राहत देने वाले कई उपायों पर अमल किया है। आज काऊंसिल ने त्यौहारों पर गुड़ की मिठास बढ़ते हुए कई प्रोडक्ट पर जी.एस.टी. की दरों को कम करने का फैसला लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जी.एस.टी. काऊंसिल की 52वीं बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इनके बारे में जानकारी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि गुड़ पर जी.एस.टी. की दर घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। अभी तक गुड़ पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लग रहा था। इसी तरह सिलाई- कढ़ाई में इस्तेमाल होने वाले जरी धागे पर जी.एस.टी. की दर 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं।

अपीलेट ट्रिब्यूनल को लेकर ये बदलाव
जी.एस.टी. काऊंसिल की इस बैठक में टैक्स की दरों के अलावा भी कई अहम फैसले लिए गए। वित्त मंत्री ने बताया कि काऊंसिल ने अपीलेट ट्रिब्यूनल के सदस्यों के टेन्योर को मौजूदा 65 साल से बढ़ाकर 67 साल तक करने की मंजूरी दी। कम से कम 10 साल तक के अनुभव वाले वकीलों को अपीलेट ट्रिब्यूनल का सदस्य बनाया जा सकेगा।

ई. एन. ए. पर राज्य सरकारें लेंगी फैसला
जी.एस.टी. काऊंसिल की बैठक में एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ई.एन.ए.) को लेकर ये फैसला लिया गया कि इस पर टैक्स के बारे में राज्य सरकारें अपने-अपने हिसाब से फैसले ले सकती हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि भले ही अदालत ने ई. एन. ए. पर टैक्स के बारे में फैसला लेने का अधिकार जी.एस.टी. काऊंसिल को दे दिया, हमने यह अधिकार राज्यों के हवाले करने का फैसला किया है। इसका मतलब हुआ कि अब इंडस्ट्रियल यूज वाले ई. एन. ए. पर राज्य सरकारें ही टैक्स लगाएंगी। सीतारमण ने शीरा पर जी.एस.टी. 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया। इससे गन्ना किसानों को होगा फायदा होगा।

कुछ टैक्सपेयर्स को भी दी राहत
काऊंसिल की बैठक में कुछ टैक्सपेयर्स को भी राहत दी गई। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रैवेन्यू सैक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने बताया कि बढ़ाए गए प्री-डिपॉजिट को लेकर 31 जनवरी 2024 तक अपील दायर की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में ऑर्डर मार्च 2023 तक पास हुए हैं, उनके लिए अगले साल जनवरी तक अपील की जा सकती है। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने दोहराया कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर शुरू से ही 28 फीसदी जी.एस.टी. लागू था।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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