दुनिया के ये 28 देश नहीं मानते इजरायल का अस्तित्व, पाकिस्तान वालों का तो जाना ही मना
इजरायल
इजरायल और हमास के बीच इन दिनों भीषण युद्ध जारी है, जिसमें करीब ढाई हजार लोग अब तक मारे जा चुके हैं। इजरायल का जिक्र आते ही दुनिया के तमाम मुस्लिम देश आक्रामक हो जाते हैं और इसकी वजह फिलिस्तीन है। मुस्लिम देशों का मानना है कि फिलिस्तीन की धरती पर इजरायल का अवैध कब्जा है और उसे मुक्त किए बिना शांति नहीं हो सकती। यही वजह है कि पाकिस्तान, सीरिया, मिस्र और लेबनान जैसे कई देशों ने हमास के बर्बर हमले तक का समर्थन कर दिया है। इस्लामिक देशों और इजरायल के बीच दुश्मनी कितनी गहरी है, इसे इस तथ्य से भी समझ सकते हैं कि 28 देश ऐसे हैं, जो उसे मान्यता ही नहीं देते।
इजरायल की स्थापना 14 मई, 1948 को हुई थी और वह अगले ही साल यानी 1949 में संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बन गया था। फिर भी दुनिया के 193 देशों में से 28 ऐसे हैं, जो उसे मान्यता ही नहीं देते। इन देशों में पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे भारत के पड़ोसी देश भी शामिल हैं। इनमें से 15 देश अरब क्षेत्र के हैं, जिनमें अल्जीरिया, कोमोरोस, जिबूती, इराक, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मॉरिटैनिया, ओमान, कतर, सऊदी अरब, सोमालिया, सीरिया, ट्यूनीशिया और यमन शामिल हैं।
अब गैर-अरब देशों की बात करें तो उनमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, ब्रूनेई, इंडोनेशिया, ईरान, मलयेशिया, मालदीव, माली, नाइजर और पाकिस्तान हैं। जो इजरायल को मान्यता नहीं देते। यही नहीं क्यूबा, उत्तर कोरिया और वेनेजुएला भी इजरायल को अमान्य ठहराने वाले देशों में शामिल हैं। पाकिस्तान, बांग्लादेश, ब्रूनेई, ईरान, इराक के लोगों के लिए तो इजरायल जाना ही मना है। पाकिस्तान के तो पासपोर्ट पर ही लिखा जाता है कि यह इजरायल को छोड़कर दुनिया के किसी भी देश में यात्रा की मान्यता देता है। पाकिस्तान, सऊदी अरब समेत 13 देश ऐसे हैं, जहां इजरायल के नागरिकों की एंट्री ही नहीं है।
UAE और बहरीन क्यों हैं इजरायल के करीब
हालांकि बहरीन और यूएई ऐसे मुस्लिम देश हैं, जो बीते कुछ सालों में इजरायल के करीब आए हैं। इन देशों ने इजरायल के साथ अब्राहम अकॉर्ड भी किया है। इसके चलते मुस्लिम देशों में असहजता रही है। इजरायल और यूएई तो I2U2 संगठन का भी हिस्सा हैं, जिसमें अमेरिका और भारत भी शामिल हैं।