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एक और जंग में एलजी को सुप्रीम कोर्ट से झटका, केजरीवाल को राहत; मुफ्त बिजली पर रोक की भी दलील

नई दिल्ली-दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेट्री कमीशन (डीईआरसी) चेयरमैन की नियुक्ति विवाद पर दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को झटका लगा है तो अरविंद केजरीवाल सरकार को फौरी राहत मिल गई है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने चैयरमैन नियुक्त किए गए जस्टिस (रिटायर्ड) उमेश कुमार के शपथ ग्रहण को टाल दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और एलजी को नोटिस भी जारी किया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। तब तक शपथ ग्रहण पर रोक रहेगी, जबकि एलजी वीके सक्सेना मंगलवार सुबह 10 बजे तक शपथ ग्रहण चाहते थे।

एलजी की ओर से की गई नियुक्ति को अरविंद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मंगलवार को इस मुद्दे पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी सरकार ने कहा कि एलजी मुफ्त बिजली योजना को रोकना चाहते हैं। सरकार ने कहा कि वह दिल्ली में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देती है, जोकि सबसे लोकप्रिय योजना है। केजरीवाल सरकार ने कहा कि एलजी अपना चेयरमैन नियुक्त करके इसे रोकना चाहते हैं।

LG के आदेश के बावजूद नहीं दिलाई गई शपथ
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को डीईआरसी के नामित चेयरमैन जस्टिस (रिटायर्ड) उमेश कुमार को मंगलवार सुबह 10 बजे तक शपथ दिलाने का निर्देश देने के बावजूद ऐसा नहीं किया गया। दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी के ‘खराब स्वास्थ्य’ के कारण शपथ कार्यक्रम स्थगित होने के बाद उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उमेश कुमार का शपथ ग्रहण वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूरा करने को कहा था। केजरीवाल को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज शपथ समारोह के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे तक ही उपलब्ध रहेंगे। उपराज्यपाल ने कहा था कि बिजली मंत्री या तो वीडियो कॉन्फ्रेंस या फिर अपने मोबाइल पर वीडियो कॉल के जरिए कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएं या फिर मुख्यमंत्री या उनका कोई मंत्री औपचारिकताएं पूरी करे, या मुख्य सचिव से यह कार्य पूरा करने को कहा जा सकता है।

21 जून को हुई थी नियुक्ति
अधिकारियों ने बताया कि बिजली मंत्री आतिशी सोमवार को कुमार को पद की शपथ दिलाने वाली थीं, लेकिन अचानक उन्हें कुछ ‘स्वास्थ्य संबंधी’ समस्याएं होने के कारण कार्यक्रम छह जुलाई तक के लिए टाल दिया गया। कुमार को 21 जून को डीईआरसी का चेयरमैन   नियुक्त किया गया था। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने उनकी नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। सेवा पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश के बाद डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल सक्सेना के बीच हालिया टकराव का कारण बनी है। ‘आप’ ने इस अध्यादेश को भी शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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