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याचिकाएं दायर करने की बजाय पढाई पर ध्यान दें: न्यायालय ने विधि छात्र से कहा

नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें संविधान में लिंग-तटस्थ शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने वाले सभी शब्दावली को हटाने करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह याचिकाएं दायर करने की बजाय अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे। याचिकाकर्ता विधि का छात्र है।

पीठ ने कहा, ‘‘आप याचिका दायर करने की बजाय कानून के स्कूलों में पढ़ाई क्यों नहीं करते? हमें अब जुर्माना लगाना शुरू करना होगा। आप चाहते हैं कि हम संविधान में से शब्दावली हटा दें? इसलिए अब हमें संवैधानिक शब्दावली को इसलिए खत्म कर देना चाहिए क्योंकि इसमें अध्यक्ष (चेयरपर्सन) नहीं कहा गया। चूंकि महिला को भी उस पद पर नियुक्त किया जा सकता है… (याचिका) खारिज।'' शीर्ष अदालत विधि छात्र हर्ष गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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