राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

इंडिया गठबंधन हित में मतभेद खत्म करने पर सपा-कांग्रेस सहमत

लखनऊ
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेतृत्व ने आखिरकार फैसला किया है कि ''राज्य स्तर पर गलतफहमी का असर उन दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय एजेंडे पर नहीं पड़ना चाहिए जो इंडिया गठबंधन के बैनर तले एकजुट हैं।''सूत्रों के मुताबिक, दोनों पार्टियों ने जारी मतभेदों को खत्म करने के फैसले का आह्वान किया है। साथ ही अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से एक-दूसरे के खिलाफ बयान जारी नहीं करने को कहा है।सूत्रों ने बताया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस संबंध में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में हैं। चूंकि मध्य प्रदेश में नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर है, इसलिए यह बहुत कम संभावना है कि सपा नेतृत्व अब कोई बदलाव के संकेत दिखाते हुए कोई कदम उठाएगा।
सपा और कांग्रेस के बीच मतभेद तब सामने आए जब सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने उनकी पार्टी के नेताओं को धोखा दिया, जबकि उन्होंने यह वादा किया था कि वे सपा उम्मीदवारों के लिए छह सीटें छोड़ेंगे।इस आरोप के बाद कमलनाथ और अजय राय सहित सपा नेताओं और राज्य नेताओं के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। जैसे-जैसे कड़वाहट बढ़ती गई, सपा प्रमुख ने यह कहते हुए मतभेदों को कम करना शुरू कर दिया कि उन्हें कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से एक संदेश मिला है।सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व दोनों का मानना है कि राज्य नेतृत्व के साथ मतभेदों को केंद्रीय स्तर पर आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए।
 दोनों पक्षों में आपसी मतभेद भुलाकर आगे बढ़ने पर सहमति बनी है।इस संबंध में अगला कदम कुछ समय बाद उठाया जाएगा क्योंकि सपा और कांग्रेस दोनों ही यह नहीं देखना चाहते कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन बनाने की कोशिश में सेंध लगाई है।पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि चूंकि इंडिया गठबंधन अभी भी शुरुआती चरण में है, इसलिए कोई भी पार्टी इसके गठन में बाधा के रूप में नहीं दिखना चाहेगी क्योंकि हर विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को हराने के एक साझा लक्ष्य में एकजुट है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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