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राजनीति

‘RSS ने कभी हिंसा स्वीकार नहीं की, यह हमारी शिक्षा के विरूद्ध’…PM मोदी की किताब के अनुवाद विमोचन पर बोले भागवत

 नई दिल्ली

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि संघ के नेताओं ने हमेशा हिंसा का विरोध किया है। भागवत ने RSS के नेता दिवंगत लक्ष्मणराव ईनामदार की जीवनी के मराठी अनुवाद के विमोचन के अवसर पर यह बात कही। यह जीवनी दशकों पहले गुजराती में राजाभाई नेने और (उस समय संघ के कार्यकर्ता) नरेंद्र मोदी ने लिखी थी। भागवत ने आपातकाल के दौरान प्रसिद्ध बड़ौदा डायनामाइट मामले का जिक्र करते हुए कहा, “मैं उस समय लगभग 25 साल का था। बड़ौदा डायनामाइट मामले के बाद हम युवाओं को लगा कि हम कुछ साहसी काम कर सकते हैं।

युवाओं को संघर्ष और साहस पसंद होता है, लेकिन लक्ष्मणराव ईनामदार ने हमें मना करते हुए कहा कि यह आरएसएस की शिक्षा नहीं है।” बड़ौदा डायनामाइट मामले में समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस को गिरफ्तार किया गया था। भागवत ने कहा कि ईनामदार ने उन्हें बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने संविधान का पूरी तरह से अपमान किया है, लेकिन यह ब्रिटिश राज नहीं है और आरएसएस हिंसा को स्वीकार नहीं करता।

उन्होंने कहा, “RSS के मूलभूत विचार सकारात्मक हैं और हम यहां किसी का विरोध करने के लिए नहीं हैं।” कहा जाता है कि महाराष्ट्र के सतारा के रहने वाले ईनामदार का प्रधानमंत्री मोदी के जीवन पर बड़ा प्रभाव था। आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि हिंदुओं को संगठित करना मुसलमानों और ईसाइयों का विरोध नहीं है। भागवत ने कहा कि कभी-कभी किसी क्रिया पर प्रतिक्रिया होती है। कभी-कभी जैसे को तैसे की प्रतिक्रिया होती है, लेकिन सही मायने में शांति और सहिष्णुता हिंदुत्व के मूल्य हैं।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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