RO.NO.12879/162
खेल जगत

उस भारतीय गेंदबाज ने फेंकी थीं लगातार 131 डॉट बॉल, आज दिवाली पर जानिये उनके इस रिकॉर्ड के बारे में

नई दिल्ली
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे दिग्गज स्पिनर और पेसर आए जिन्होंने विश्व पटल पर तिरंगा लहराया। कई गेंदबाजों ने कई कीर्तिमान भी अपने नाम किए। उनमें से कुछ टूटे लेकिन कुछ ऐसे भी हुए जो आज तक अटूट हैं। उनमें से ही एक रिकॉर्ड है भारतीय लेफ्ट आर्म स्पिनर बापू नाडकर्णी द्वारा लगातार 131 डॉट बॉल और 21 मेडन फेंकने का।

58 साल पहले 1964 में 12 जनवरी के दिन बापू नाडकर्णी ने मद्रास (अब चेन्नई) के कॉर्पोरेशन स्टेडियम में अंग्रेज बल्लेबाजों को एक-एक रन के लिए तरसा दिया था। इस टेस्ट मैच की एक पारी में उन्होंने लगातार 21 ओवर मेडन फेंके थे। उन्होंने 131 डॉट गेंद फेंकने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था जो आज तक अटूट है।

हालांकि जब 8 गेंदों का ओवर होता था उस वक्त दक्षिण अफ्रीका के ऑफ स्पिनर ह्यू टेफील्ड ने 1956-157 में 17.1 ओवर तक कोई भी रन नहीं दिया था। यानी 137 गेंदें उन्होंने डॉट फेंकी थीं। तो सबसे ज्यादा लगातार मेडन का रिकॉर्ड बापू के नाम है और सबसे ज्यादा डॉट बॉल ह्यू ने फेंकी थीं।

इस पारी में उन्होंने 32 ओवर फेंके थे और 27 मेडन के साथ सिर्फ 5 रन दिए थे। बापू ने पहली पारी में सिर्फ 0.15 इकोनॉमी से रन दिए थे, जो फटाफट क्रिकेट के इस दौर में सोचना भी मुश्किल लगता है। उन्होंने 191 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिसमें 500 विकेट लिए और 8880 रन भी बनाए। नाडकर्णी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दिल्ली में 1955 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया।

उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच भी इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 1968 में नवाब मंसूर अली खान पटौदी की अगुआई में ऑकलैंड में खेला था। इंटरनेशन करियर में उनके नाम 41 टेस्ट मैचों में 88 विकेट दर्ज हैं। वे एक गेंदबाजी ऑलराउंडर की भूमिका से टीम में खेलते थे। उनके नाम 1414 टेस्ट रन भी दर्ज हैं। 43 रन देकर 6 विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है।

बापू को सबसे कंजूस गेंदबाज भी कहा जाता है। उनके बारे में एक बात और मशहूर है कि वे नेट्स पर सिक्का रखकर गेंदबाजी करते थे। उनकी बाएं हाथ की फिरकी इतनी सधी थी कि गेंद वहीं पर गिरती थी जहां पर वह सिक्का रखते थे। बापू ने न सिर्फ अपने स्पिन से बल्लेबाजों का बांधा, बल्कि उनकी बल्लेबाजी और फील्डिंग भी गजब की थी।

यही कारण है कि उन्हें एक शानदार ऑलराउंडर के तौर पर याद किया जाता है। बापू नाडकर्णी ने इंग्लैंड के खिलाफ 1963-1964 सीरीज के एक मुकाबले में कानपुर में नाबाद 122 रनों की पारी खेलकर भारत को हार से बचाया था। उन्होंने 13 साल तक भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेला और देश की सेवा की।

बापू ने अपने करियर की 9165 गेंदों में 2559 रन दिए और उनकी करियर इकोनॉमी 1.67 रन प्रति ओवर रही। रमेशचंद्र गंगाराम नाडकर्णी जिन्हें प्यार से बापू नाडकर्णी बुलाया जाता था। उनका जन्म 4 अप्रैल 1933 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था। 86 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के बाद उनका 17 जनवरी 2020 को मुंबई में निधन हो गया था।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12879/162

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button