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गाजा में बंधकों की रिहाई के लिए समझौते के करीब पहुंचे हमास और इजरायल, अब इन मुद्दों पर रुकी बात

तेल अवीव

हमास की कैद से इजरायल के कुछ बंधक जल्दी ही छूट सकते है। इजरायल के साथ इस पर उसकी डील फाइनल दौर में है। डील में सबसे पहले गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों में से 50 की रिहाई के बदले पांच दिनों के युद्धविराम पर बात चल रही है। जिसके बाद चीजों को आगे बढ़ाया जाएगा। हालांकि अभी तक समझौते का कोई फाइनल ड्राफ्ट तैयार नहीं हो पाया है लेकिन बताया गया है कि वार्ताकार मामले को सुलझाने के काफी नजदीक हैं। अगले कुछ दिन में इसका ऐलान भी हो सकता है। अमेरिका, इजरायल और हमास के बीच इस समझौते में कतर अहम भूमिका निभा रहा है।

सीएनएन ने मामले से जुड़े सूत्रों के आधार पर की गई रिपोर्ट में बताया है कि इस डील पर बीते कुछ दिन से बातचीत चल रही है। इसमें कुछ उतार चढ़ाव आए हैं लेकिन ये जारी है। सूत्रों का कहना है कि समझौते में अटके हुए बिंदुओं में कमियां दूर होनी शुरू हो गई हैं और समझौते में अभी भी कुछ दिन लग सकते हैं। डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी सलाहकार जॉन फाइनर ने इस समझौते पर अहम जानकारी देते हुए कहा कि हम शायद एक बिंदु पर पहुंचने के बहुत करीब हैं। ये वार्ता हफ्तों पहले शुरू हुई थी और काफी बेहतर तरीके से आगे बढ़ी है। फाइनर ने भी ज्यादा ब्यौरा नहीं देते हुए कहा कि अभी कोई अंतिम समझौता नहीं हुआ है।

बातचीत में फंस रहे कई पेच

सीएनएन को समझौते बारे में जानकारी देने वाले सूत्रों ने कहा है कि ये वार्ता काफी कठिन रही है। बार-बार इसमें कई तरह के पेंच फंसे हैं। हाल ही में हमास ने एक बार वार्ता को रोक दिया था। वार्ता के बीच गाजा में अल शिफा अस्पताल पर इजरायली सेना का रेड करना इसकी वजह मानी गई थी। हालांकि बाद में फिर से दोनों पक्षों इस पर बात कर रहे हैं। दोनों ही पक्षों के अपने-अपने मुद्दे हैं, जिससे बात बार-बार रुक रही है।

समझौते की सबसे हालिया चर्चा में बंधकों की चरणबद्ध रिहाई का प्रस्ताव रखा गया है। इजरायल ने 100 नागरिक बंधकों की एक सूची पेश की है जिन्हें वह समझौते में शामिल करना चाहता है। इजरायल ने सार्वजनिक रूप से मांग की है कि सभी बंधकों को रिहा किया जाए। हमास ने कहा है कि वह कुछ दिन के अंतराल पर 50 बंधकों को रिहा करने को तैयार है। उसके बाद 20 से 25 बंधकों को रिहा किया जाएगा। हमास ने गाजा में अलग-अलग जगह और सहयोगी समूहों द्वारा बंधक बनाए लोगों को इकट्ठा करने के लिए लड़ाई में विराम की मांग की है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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