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शिवपुरी में दलितों को मैला खिलाने के मामले में, आरोपियों के घरों पर चला बुलडोजर

शिवपुरी

शिवपुरी कांड के आरोपियों के तीन घरों पर बुलडोजर चलाया है। दलित व्यक्तियों को कथित तौर पर मानव मल खिलाने के आरोप में एक परिवार के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने गुरुवार को बताया कि पीड़ितों ने परिवार की एक शादीशुदा महिला से बात करने की कोशिश की थी। दलित युवकों के खिलाफ कथित अत्याचार 30 जून को शिवपुरी जिले के वरखड़ी गांव में हुआ था। लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद बुधवार को यह मामला सामने आया।

शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रघुवंश सिंह भदोरिया के अनुसार, परिवार के खिलाफ कार्रवाई राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निर्देश पर हुई, जिन्होंने मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लागू करने का भी आदेश दिया है। भदोरिया ने कहा, '24 और 23 साल की उम्र के दो युवक कथित तौर पर परिवार की एक विवाहित महिला से फोन पर बात करते थे। जब परिवार को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने महिला से वरखड़ी गांव के रहने वाले दो लोगों को अपने घर बुलाने के लिए कहा। 30 जून को जब दोनों पहुंचे तो परिवार ने उनकी बेरहमी से पिटाई की। आरोपियों ने उनके चेहरे पर कालिख पोत दी और कथित तौर पर उन्हें मानव मल खाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने उन्हें जूतों की माला भी पहनाई और गांव में घुमाया।'

हालांकि परिवार ने दावा किया कि दोनों युवकों को महिला से छेड़छाड़ करने और गलत तरीके से छूने के लिए पीटा गया था। एसपी ने कहा कि जांच के दौरान परिवार के दावे झूठे पाए गए। पुलिस ने कहा कि परिवार के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 294, 506, 328, 342 और 147, 355, 270 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) अधिनियम से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। युवकों ने कहा कि आरोपियों ने साजिश रचकर उन्हें यौन उत्पीड़न के झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की।

पीड़ितों ने कहा, 'जब महिला ने हमें मिलने के लिए बुलाया तो हम उसके घर गए। हमने कोई अपराध नहीं किया।' इसके बाद, आरोपियों- अजमत खान, वकील खान, आरिफ खान, शाहिद खान, इस्लाम खान, रहीशा बानो और साइना बानो को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी ने बताया कि गुरुवार को आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। गुरुवार सुबह वन, पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने परिवार के तीन घरों को यह कहकर ध्वस्त कर दिया कि वे वन भूमि पर बने थे।

वन के उप-विभागीय अधिकारी एल्विन वर्मन ने कहा, 'तीन लोगों (परिवार के सदस्यों) ने लगभग तीन हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ था। उनके खिलाफ 19 सितंबर 2022 को मामला दर्ज किया गया था। प्रभागीय वनाधिकारी ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। उन्हें स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था लेकिन इन लोगों ने कार्रवाई नहीं की।'

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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