अतीक अहमद के फाइनेंसर नफीस बिरयानी की मौत, उमेश पाल मर्डर केस में था आरोपी
नैनी
अतीक अहमद के करीबी मोहम्मद नफीस उर्फ नफीस बिरयानी को जेल में हार्ट अटैक आ गया। वह नैनी सेंट्रल जेल में बंद था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। उसे सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द की शिकायत के बाद मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। बता दें कि 22 नवंबर को पुलिस ने नवाबगंज थाना क्षेत्र के आनापुर इलाके में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। मुठभेड़ में उसके पैर पर गोली लगी थी। नफीस पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था।
कैसे पड़ा बिरयानी नाम?
नफीस अहमद सिविल लाइन इलाके में पान की दुकान चलाता था। बाद में अशरफ ने उसकी बिरयानी की दुखान खोलने में मदद की है। इसके बाद उसका दुकान पर काफी भीड़ होने लगी तो उसने इसकी कई ब्रांच खोल दी। वह अपनी कमाई का एक हिस्सा अतीक अहमद को पहुंचाता था। उसे अतीक अहमद के गैंग का फाइनेंसर भी कहा जाता था।
उमेश पाल हत्याकांड में था शामिल?
नफीस बिरयानी का नाम उमेश पाल हत्याकांड में सामने आया था। 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिस वालों पर बम और गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले माफिया अतीक अहमद के गैंग 4 शूटरों को मुठभेड़ में मार गिराया था। इस मामले में नफीस बिरयानी का नाम भी सामने आया था। उसी घटना के बाद से नफीस बिरयानी फरार चल रहा था और लगातार ठिकाने बदलकर पुलिस से बच रहा था। पुलिस ने उसके ऊपर 50 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया था। नफीस अतीक अहमद गैंग के लिए वसूली का काम करता था। वह इन पैसों को अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन तक पहुंचाया था।