एल्गर भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद लेंगे संन्यास
एल्गर भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद लेंगे संन्यास
केपटाउन
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान डीन एल्गर ने घोषणा कर दी कि भारत के खिलाफ आगामी दो मैचों की टेस्ट सीरीज के बाद वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेंगे। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट 26 दिसंबर से सेंचुरियन में खेला जाएगा।
डीन एल्गर ने 2012 में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया और अब तक उन्होंने 84 टेस्ट में 13 शतक व 23 अर्धशतकों की मदद से 5146 रन बनाए। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 37.28 की औसत से रन बनाए। क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने अपने बयान में कहा, ''एल्गर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत दो मैचों की टेस्ट सीरीज के साथ करेंगे। पहला टेस्ट उनके होमग्राउंड सेंचुरियन में 26-30 दिसंबर तक खेला जाएगा। दूसरा टेस्ट उस स्थान पर खेला जाएगा, जहां एल्गर ने अपने पहले टेस्ट रन बनाए यानी केप टाउन में न्यूलैंड्स क्रिकेट ग्राउंड पर।''
डीन एल्गर ने क्या कहा
36 साल एल्गर ने अब तक आठ वनडे मैच खेले हैं। उन्होंने 2018 में अपना आखिरी सीमित ओवर मैच खेला था। डीन एल्गर ने कहा, ''12 साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सपना सच होने के बराबर है। यह शानदार यात्रा रही और मैं भाग्यशाली हूं कि इतना खेल पाया। जैसा कि कहा जाता है सभी अच्छी चीजों का अंत होता है। भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज मेरी आखिरी सीरीज होगी। मैंने अपने खूबसूरत खेल से संन्यास लेने का फैसला कर लिया है।''
एल्गर का कप्तानी रिकॉर्ड
उन्होंने आगे कहा, ''क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ दिया। केप टाउन टेस्ट मेरा आखिरी होगा। दुनिया में मेरा पसंदीदा स्टेडियम। वो जगह जहां मैंने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट रन बनाया और उम्मीद करता हूं कि आखिरी रन भी यही बनाऊंगा।'' एल्गर का दक्षिण अफ्रीका के कप्तान के रूप में सफर शानदार रहा। उनके नेतृत्व में 19 टेस्ट में प्रोटियाज ने 9 टेस्ट जीते। सात में दक्षिण अफ्रीका को हार मिली जबकि चार मैच ड्रॉ रहे।
दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट निदेशक ने क्या कहा
दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट निदेश इनोक एनकवे ने कहा, ''डीन एल्गर उन क्रिकेटरों में से एक हैं जो स्थिति के हिसाब से खुद को ढालते हैं और लड़ते हैं। मुझे कोई शक नहीं कि खेल को उनकी कमी खलेगी। उन्होंने हमेशा अपने देश के लिए सबकुछ दिया और कभी भय नहीं दिखाया, भले ही कोई भी विरोधी टीम हो। वो हमेशा चुनौती के लिए तैयार रहे।''
कार्यभार प्रबंधन के लिये आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट से बाहर रह सकते हैं शाहीन
कराची
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी को कार्यभार प्रबंधन के लिये आस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में तीसरे और आखिरी टेस्ट से बाहर रखा जा सकता है। खुर्रम शहजाद को पसलियों में गंभीर चोट लगने के कारण पीसीबी की काफी आलोचना हो रही है।
पाकिस्तान को पहले टेस्ट में 360 रन से पराजय झेलनी पड़ी जिसमें पदार्पण कर रहे खुर्रम ने पांच विकेट लिये लेकिन वह घायल हो गए। वह मेलबर्न (26 दिसंबर से) और सिडनी (तीन जनवरी से) में बाकी दो टेस्ट नहीं खेल सकेंगे।
टीम के एक सूत्र ने बताया कि टीम प्रबंधन तेज गेंदबाजों के कार्यभार में संतुलन चाहता है , खासकर अफरीदी के क्योंकि टी20 विश्व कप में छह महीने से भी कम समय रह गया है। सूत्र ने कहा, ‘‘खुर्रम के कार्यभार को लेकर जिस तरह बोर्ड और प्रबंधन की आलोचना हो रही है, उससे सबक लेना जरूरी है। इसके अलावा शाहीन का खराब फॉर्म भी चिंता का सबब है।'' पाकिस्तान के प्रमुख तेज गेंदबाज नसीम शाह कंधे की सर्जरी के बाद अभी तक वापसी नहीं कर सके हैं।
आईसीसी से मिली फटकार को चुनौती देंगे ख्वाजा, कहा काली पट्टी शोक के कारण बांधी
मेलबर्न
पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट में बांह पर काली पट्टी बांधने के कारण आईसीसी से फटकार झेलने वाले आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने कहा कि वह इसे चुनौती देंगे क्योंकि उन्होंने आईसीसी को बताया था कि ऐसा उन्होंने निजी शोक के कारण किया है।
ख्वाजा ने पर्थ में पिछले सप्ताह पाकिस्तान पर 360 रन से मिली जीत के दौरान बांह पर काली पट्टी बांधी थी। वह 13 दिसंबर को अभ्यास सत्र के लिये उतरे तो उनके बल्लेबाजी के जूतों पर 'आल लाइव्स आर इकवल' और 'फ्रीडम इज ह्यूमन राइट' लिखा हुआ था।
ख्वाजा ने कहा, ‘‘आईसीसी ने पर्थ टेस्ट के दूसेर दिन मुझसे पूछा था कि काली पट्टी क्यो बांधी है और मैने कहा था कि यह निजी शोक के कारण है। मैने इसके अलावा कुछ नहीं कहा था।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं आईसीसी और उसके नियमों का सम्मान करता हूं। मैं इस फैसले को चुनौती दूंगा। जूतों का मसला अलग था। मुझे वह कहकर अच्छा लगा लेकिन आर्मबैंड को लेकर फटकार का कोई मतलब नहीं है।''
उन्होंने कहा, ‘‘मैने अतीत में भी सारे नियमों का पालन किया है। खिलाड़ी अपने बल्लों पर स्टिकर लगाते हैं, जूतों पर नाम लिखते हैं और आईसीसी की अनुमति के बिना बहुत कुछ होता है लेकिन फटकार नहीं लगाई जाती।''
आईसीसी के नियमों के तहत क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय मैचों के दौरान किसी तरह के राजनीतिक, धार्मिक या नस्लवादी संदेश की नुमाइश नहीं कर सकते। लेकिन पूर्व खिलाड़ियों, परिजनों या किसी अहम व्यक्ति के निधन पर पहले से अनुमति लेकर काली पट्टी बांध सकते हैं।
पाकिस्तान में जन्में ख्वाजा आस्ट्रेलिया के लिये टेस्ट खेलने वाले पहले मुस्लिम क्रिकेटर हैं। उन्होंने कहा कि जब वह अभ्यास सत्र के लिये आये तो उनका कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं था। उनके जूतों पर लिखे नारे हालांकि गाजा में चल रही जंग की ओर इंगित करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा कोई एजेंडा नहीं था। मैं उस बात पर रोशनी डालना चाहता था जिसका मैं धुर समर्थक हूं और मैने सम्मानजनक तरीके से ऐसा किया। मैने जूतों पर जो लिखा , उसके बारे में मैं लंबे समय से सोचता आया हूं। मैने मजहब को इससे परे रखा। मैं मानवता के मसले पर बात कर रहा था।''
इससे पहले आईसीसी के प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘उस्मान ने क्रिकेट आस्ट्रेलिया और आईसीसी से अनुमति लिये बिना पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में निजी संदेश (बांह पर काली पट्टी) दिया। यह अन्य उल्लंघन श्रेणी में आता है और पहला अपराध होने पर उन्हें फटकार लगाई गई है।''