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दक्षिण सूडान के पास ताज़ा सांप्रदायिक झड़पों में 52 लोग मारे गए

जुबा
अबेई प्रशासनिक क्षेत्र में पिछले हफ्ते पड़ोसी वार्रप राज्य के ट्विक समुदाय के सशस्त्र युवाओं और अबेई के नगोक डिंका के बीच हुई झड़पों के दौरान संयुक्त राष्ट्र के एक शांतिदूत सहित कम से कम 52 लोग मारे गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

श‍िन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया।अबेई विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के महासचिव राउ मनिएल राउ ने  कहा कि ट्विक समुदाय के सशस्त्र युवाओं ने अपने आध्यात्मिक नेता गाई माचिएक के प्रति वफादार नुएर युवाओं के सहयोग से नाइनकुएक, मजबोंग और खादियन क्षेत्रों में हमले किए, इसमें 35 लोग घायल हो गए।

मैनिएल ने एक साक्षात्कार में श‍िन्हुआ को बताया,"जैसा कि हम इन बर्बर समन्वित हमलों का सामना कर रहे हैं, अबेई विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की सरकार हाल ही में राष्ट्रपति साल्वा कीर द्वारा न्गोक डिंका और ट्विक व उनके सहयोगी सशस्त्र युवाओं द्वारा के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए जारी किए गए राष्ट्रपति आदेश की अवहेलना करने के प्रयास की कड़े शब्दों में निंदा करती है।''

18 जनवरी को जारी राष्ट्रपति कीर के आदेश में सुरक्षा बलों से नगोक डिंका और ट्विक समुदायों के बीच संघर्ष को सुलझाने के लिए नुएर आध्यात्मिक नेता गाई माचीक और उनके वफादार नुएर युवाओं को वार्रप राज्य से बाहर निकालने का आह्वान किया गया था। आदेश में सुरक्षा बलों से दोनों युद्धरत समुदायों के राजनेताओं को बुलाने और गिरफ्तार करने का भी आह्वान किया गया, जो दोनों समुदायों के बीच हिंसा भड़काते दिखे।

मैनियल ने ट्विक काउंटी और अबेई प्रशासनिक क्षेत्र के बीच सीमा पर तटस्थ सुरक्षा बलों की शीघ्र तैनाती का आह्वान किया।

वॉर्रैप राज्य के ट्विक काउंटी के कमिश्नर साइमन अगुएक चान ने कहा कि उनके युवा अबेई प्रशासनिक क्षेत्र में हुई हिंसा में शामिल नहीं थे।

अगुएक ने कहा कि लड़ाई अबेई के भीतर रहने वाले सशस्त्र नुएर युवाओं और स्थानीय नगोक डिंका युवाओं के बीच थी।

उन्‍होंने कहा,"अबेई युवाओं के साथ लड़ने वाले नुएर सशस्त्र युवा वही हैं, जो ट्विक में लोगों को मार रहे हैं, उनके पास भारी मशीनगनें हैं और मेरा मानना है कि वे संगठित बलों से हैं, क्योंकि उनके पास जो हथियार हैं वे नागरिकों के लिए नहीं हैं।"

अबेई के लिए संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल (यूएनआईएसएफए) ने शनिवार को अबेई प्रशासनिक क्षेत्र में हुए सशस्त्र हमलों की श्रृंखला की निंदा की, इसके परिणामस्वरूप घाना के एक संयुक्त राष्ट्र शांतिदूत की मौत हो गई।

"मिशन इस बात की पुष्टि करता है कि न्यिनकुएक, माजबोंग और खादियन इलाकों में हुई अंतर-सांप्रदायिक झड़पों में लोग हताहत हुए और हिंसा में फंसे लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नागरिकों को यूएनआईएसएफए ठिकानों पर पहुंचाया गया।

इसमें कहा गया है कि अगोक मेंयूएनआईएसएफए बेस पर एक सशस्त्र समूह ने हमला किया था जिसे शांति सैनिकों ने खदेड़ दिया था।

यूएनआईएसएफए ने इन हमलों के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की त्वरित और गहन जांच का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए।

नवंबर 2023 में, अबेई प्रशासनिक क्षेत्र में नगोक डिंका और ट्विक समुदायों के बीच घातक सांप्रदायिक लड़ाई में 32 लोग मारे गए थे।

दोनों समुदाय वर्षों से अनीत सीमा क्षेत्र में भूमि की एक पट्टी के स्वामित्व के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जो दोनों समुदायों को अलग करती है।

अबयेई प्रशासनिक क्षेत्र दक्षिण सूडान और उसके पड़ोसी सूडान के बीच एक विवादित क्षेत्र बना हुआ है, जहां प‍िछले साल 15 अप्रैल से संघर्ष जारी है।

कोच ने आगे कहा कि इस हिंसा में शामिल हमलावर नुएर जनजाति के थे। वो बड़ी संख्या में हथियारों से लैस थे। उन्होंने बताया कि पिछले साल बाढ़ की वजह से ये हथियारबंद युवा अपने क्षेत्रों से वार्रप राज्य में चले गए थे। बता दें कि सूडान में आए दिन जातीय हिंसा होती रहती है।

भूमि विवाद को लेकर हमला

दरअसल, पड़ोसी वार्रप राज्य के ट्विक डिंका आदिवासी सीमा पर अनीत क्षेत्र को लेकर अबेई के नगोक डिंका के साथ भूमि विवाद में फंसे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल अबेई (United Nations Interim Security Force Abyei – UNISFA) ने शांतिदूत की मौत पर इस हिंसा की निंदा की है। UNISFA ने कहा कि न्यिंकुआक, मजबोंग और खादियन क्षेत्रों में अंतर-सांप्रदायिक झड़पें हुईं हैं। जिससे लोग हताहत हुए और नागरिकों को UNISFA ठिकानों पर पहुंचाया गया। बता दें कि साल 2005 के शांति समझौते के बाद से सूडान के उत्तर और दक्षिण के बीच दशकों से चले आ रहे गृह युद्ध को समाप्त करने के बाद से सूडान और दक्षिण सूडान अबेई क्षेत्र पर नियंत्रण को लेकर असहमति बनी हुई है।

सूडान और दक्षिण सूडान दोनों अबेई के स्वामित्व का दावा करते हैं, जिसकी स्थिति 2011 में दक्षिण सूडान के सूडान से स्वतंत्र होने के बाद अनसुलझी थी। क्षेत्र के बहुसंख्यक नगोक डिंका के लोग दक्षिण सूडान के पक्ष में हैं। जबकि मिसेरिया खानाबदोश जो अपने जानवरों के लिए चारागाह खोजने के लिए अबेई आते हैं। वो लोग सूडान के पक्ष में हैं। मौजूदा समय में यह क्षेत्र दक्षिण सूडान के कब्जे में है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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