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राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

जब तक गाजा संघर्ष समाप्त नहीं होगा, तब तक इजरायल के साथ राजनयिक संबंध नहीं : सऊदी अरब

रियाद
सऊदी अरब ने कहा कि उसने अमेरिकी प्रशासन से कहा है कि वह इजरायल के साथ तब तक राजनयिक संबंध नहीं रखेगा, जब तक इजरायल गाजा पट्टी में हमले बंद नहीं कर देता और एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी देश की स्थापना नहीं हो जाती।

समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में व्हाइट हाउस की इस बात का खंडन किया कि इजरायल और सऊदी अरब ने संबंधों को सामान्य बनाने की बात कही है।

मंत्रालय ने फिलिस्तीनी मुद्दे के लिए उनके देश के अटूट समर्थन और फिलिस्तीनी लोगों को उनके वैध अधिकार प्राप्त करने की आवश्यकता बताई।

इसमें कहा गया है कि इजरायल के साथ तब तक कोई राजनयिक संबंध नहीं होंगे जब तक कि 1967 की सीमाओं पर एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी देश की मान्यता नहीं दी जाती, और इजरायली सेनाएं गाजा से वापस नहीं चली जातीं।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के सऊदी अरब के दौरे के एक दिन बाद मंगलवार को एक ऑनलाइन प्रेस वार्ता में, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिकी सरकार इजरायल और सऊदी अरब के संबंधों को सामान्‍य बनाने पर चर्चा कर रही है।

रोहिंग्या शरणार्थियों को देश में प्रवेश देने से बांग्लादेश का इनकार

ढाका
बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थियों से देश की सुरक्षा को खतरा पैदा होने के बाद बांग्लादेश ने  कहा है कि अब किसी रोहिंग्या शरणार्थी को देश में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बौद्ध बहुल म्यांमार में मुस्लिम रोहिंग्याओं को दशकों से उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है और तकरीबन दस लाख रोहिंग्या बांग्लादेश के सीमा पर स्थित काक्स बाजार जिले में बांस व प्लास्टिक के शिविरों में रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश 2017 की सैन्य कार्रवाई के बाद यहां भाग आए थे।

बांग्लादेश सरकार में सड़क परिवहन और सेतु मंत्री ओबैदुल क्वादर ने कहा कि अब हम और रोहिंग्याओं को देश में आने की अनुमति नहीं देंगे। वे पहले से ही हम पर भार बने हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय सहायता काफी कम हो चुकी है। ऐसे में हम कब तक उनका समर्थन कर सकते हैं।

बांग्लादेश के शरणार्थी राहत और प्रत्यावर्तन आयुक्त मोहम्मद मिजानुर रहमान ने बताया कि म्यांमार में जुंटा शासन व विद्रोहियों के बीच जारी जंग के बीच सैकड़ों लोग बांग्लादेश में प्रवेश करने के लिए म्यांमार की सीमा पर एकत्रित हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश रोहिंग्याओं के बोझ से दबा हुआ है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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