RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

मोदी सरकार का तीन नए रेल कॉरिडोर बनाने का फैसला भारतीय रेल के लिए मील का पत्थर साबित होगा !

नई दिल्ली

सरकार का तीन नए रेल कॉरिडोर बनाने का फैसला भारतीय रेल के लिए मील का पत्थर साबित होने जा रहा है, इससे रेलवे की चाल और चेहरा बदल जाएगा। अमेरिका, चीन और जापान की तर्ज पर बनने वाले रेल कॉरिडोर से माल गाड़ियों और यात्री ट्रेनों की रफ्तार व क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। रेलवे की प्रति वर्ष माल ढुलाई बढ़कर 3000 मिलियन टन हो जाएगी और हर साल 1000 करोड़ रेल यात्री सफर कर सकेंगे। रेल के इस मेगा प्लान पर 12 लाख करोड़ रुपये निवेश होंगे। हालांकि, भविष्य में यह आंकड़ा बढ़ सकता है।

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीन कॉरिडोर निर्माण से सिर्फ रेलवे और रेल यात्रियों को फायदा नहीं होगा, बल्कि तेज व समयबद्ध रेल परिवहन, सड़क की अपेक्षाकृत 50 लागत और 90 फीसदी उत्सर्जन में कमी लाएगा।

उन्होंने बताया कि लगभग 12 लाख करोड़ की लागत से 40,900 किलोमीटर की तीन नए कॉरिडोर बनाए जांएगे। इसमें कुल 434 परियोजनाएं होंगी, प्रत्येक परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनेगी। इसके बाद तीन कॉरिडोर की असल लागत का पता चलेगा। उन्होंने बताया कि उक्त कॉरिडोर परियोजना के आधार के बजाए दीर्घकालिक जरूरत के अनुसार बनाए जाएंगे।

इसका मकसद भारतीय रेल के बॉटेल नेक (अड़चनों) को समाप्त करना है। इसमें जरूरत अनुसार रेल लाइनों को दोहरीकरण, तिहरीकरण, चौथी, पांचवीं लाइन को बिछाने के अलावा नई रेल लाइन बिछाई जाएगी।

दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता रूट पर कंजेशन खत्म होगा
रेल अधिकारी के मुताबिक, एनर्जी, मिनरल और सीमेंट, पोर्ट कनेक्टिविटी और हाई स्पीड डेंसिटी के लिए पृथक कॉरिडोर बनाए जांएगे। सभी कोल, सीमेंट पावर प्लांट सहित 226 पोर्ट का पीएम गति शक्ति पोर्टल पर मैपिंग की जा चुकी है। जबकि, रेलवे के ट्रंक रूट (कंजेशन रूट) पर यात्रियों के दबाव और मांग का डेटा सिस्टम में पहले से मौजूद है। नए कॉरिडोर बनने से दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-चेन्नई, मुंबई-कोलकाता, चेन्नई-कोलकाता रूट पर कंजेशन समाप्त होगा और यात्री ट्रेनें सेमी हाई स्पीड पर चलाई जा सकेगी।

हर साल 1000 करोड़ रेल यात्री सफर कर सकेंगे
रेल अधिकारी की मानें तो नए कॉरिडोर से रेल प्रति वर्ष 1000 करोड़ यात्रियों को गंतव्य पहुंचाने में सक्षम होगी। रफ्तार और नई ट्रेनें बढ़ने से वेटिंग लिस्ट समाप्त होगी। यात्री कन्फर्म टिकट के साथ सफर कर सकेंगे। तीन कॉरिडोर देश की अर्थव्यवस्था को गति भी देगी। सड़क की अपेक्षा रेल परिवहन 55 फीसदी सस्ता है। जबकि, उत्सर्जन 88 फीसदी कम होता है। हर साल 1600 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी। इस प्रकार 80 रुपये लीटर डीजल के हिसाब से सालाना एक लाख 28 हजार करोड़ रुपये डीजल मद में बचेंगे। वहीं, लॉजिस्टिक लागत में कमी से एक लाख 80 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button