राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

कृषि के जनक एमएस स्वामीनाथन को मिला भारत रत्न, पुलिस की नौकरी छोड़कर खेती में बनाया था करियर

नई दिल्ली.

राष्ट्रपति भवन में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कृषि क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानिक किया है। सवामीनाथन के अलावा देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिंह राव, उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भी सम्मानित किया गया है।

बता दें कि पिछले साल  28 सितंबर को एमएस स्वामीनाथन का चेन्नई में निधन हो गया था, जिस वजह से उनकी बेटी नित्या राव भारत रत्न लेने पहुंचीं। कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने देश में खाने की कमी न होने के उद्देश्य से कृषि की पढ़ाई की थी। दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1943 में बंगाल में भीषण अकाल पड़ा था, जिसने उन्हें झकझोर कर रख दिया। इसे देखते हुए उन्होंने 1944 में मद्रास एग्रीकल्चरल कॉलेज से कृषि विज्ञान में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। 1947 में वह आनुवंशिकी और पादप प्रजनन की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) आ गए। उन्होंने 1949 में साइटोजेनेटिक्स में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अपना शोध आलू पर किया था।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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