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राजनीति

238 बार हारने के बाद फिर तमिलनाडु में एक शख्स ने लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार

नई दिल्ली
देश में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में वोटिंग होगी जबकि नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। पूरे देश में इस वक्त चुनावी मौसम है। राजनेताओं के साथ-साथ आम आदमी भी इस रंग में रंग चुका है। तमिलनाडु में एक शख्स ऐसा है जो करीब 238 बार चुनाव हार चुका है और फिर से लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत अजमाने जा रहा है। इसका नाम पद्मराजन है और लोग इन्हें 'इलेक्शन किंग' भी कहते हैं। इसके अलावा इन्हें 'वर्ल्ड बिगेस्ट इलेक्शन लूजर' की उपाधि भी मिली हुई है।

पीएम मोदी के खिलाफ भी लड़ चुके हैं चुनाव
पद्मराजन तमिलनाडु के मेट्टूर के रहने वाले हैं। वह 65 साल के हैं और एक टायर रिपेयर शॉप के मालिक हैं। वह 1988 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं। 238 बार चुनाव हारने के बाद पद्मराजन एक बार फिर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए हैं। इस बार वह धर्मपुरी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इलेक्शन किंग के नाम से मशहूर पद्मराजन ने देशभर में हुए राष्ट्रपति से लेकर स्थानीय निकाय चुनावों में हिस्सा लिया है। पद्मराजन पीएम मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह, और राहुल गांधी के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं।

'मैं हारने में भी खुश हूं'
पद्मराजन बताते हैं कि जब उन्होंने चुनाव लड़ना शुरू किया तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे लेकिन वो सभी को साबित करना चाहते थे कि एक आम आदमी भी चुनावों में हिस्सा ले सकता है। उन्होंने कहा कि सभी उम्मीदवार चुनावों में केवल जीतना चाहते हैं लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है। पद्मराजन ने कहा कि वो चुनावों में केवल हिस्सा लेने से भी खुश हैं और फिर चाहे हार हो या जीत इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। उनका कहना है कि वो हारने में भी खुश हैं।   
 
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स दर्ज है नाम
238 बार चुनाव हारने के बावजूद उनकी एक जीत यह रही है कि वो भारत के सबसे असफल उम्मीदवार के रुप में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बना चुके हैं। पद्मराजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2011 में था, जब वह मेट्टूर में विधानसभा चुनाव के लिए खड़े हुए थे। उन्हें इस चुनाव में 6,273 वोट मिले थे जबकि अंतिम विजेता को 75,000 से अधिक वोट मिले थे। इसके बाद उन्होंने कहा था कि मुझे एक भी वोट मिलने की उम्मीद नहीं थी लेकिन फिर भी लोगों ने मेरे लिए वोट किया और मुझे स्वीकार किया।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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