RO.NO.12945/141
राजनीति

बिहार में बहुत लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट की पहली सूची जारी की, लालू और तेजस्वी से नहीं भिड़ेगी

पटना
बिहार में बहुत लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट की पहली सूची जारी की है। कांग्रेस को महागठबंधन में 9 सीट मिली है लेकिन बिहार की सिर्फ 3 सीट पर ही कैंडिडेट का नाम घोषित हुआ है जहां दूसरे चरण में चुनाव होना है और नामांकन दो दिन बाद बंद हो जाएगा। खास बात ये है कि इस लिस्ट में ना पूर्णिया है जहां पप्पू यादव दोस्ताना मुकाबले के नाम पर कांग्रेस के टिकट का इंतजार कर रहे थे और ना कन्हैया कुमार का नाम है जिनके नाम की चर्चा भागलपुर के लिए हो रही थी। दोनों नेताओं को राजद अध्यक्ष लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव के भविष्य की राजनीति के हिसाब से डील करते हैं। लिस्ट से ये साफ हो गया है कि कांग्रेस नेतृत्व लालू, तेजस्वी से किसी भी तरह की तकरार या भिड़ंत नहीं चाहती है।

कांग्रेस ने किशनगंज के मौजूदा सांसद मोहम्मद जावेद को फिर से टिकट दिया है जबकि कटिहार लोकसभा से तारिक अनवर और भागलपुर लोकसभा सीट से तीन बार के विधायक अजीत शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। तीनों सीट पर दूसरे चरण के लोकसभा चुनाव में 26 अप्रैल को मतदान होना है और यहां नामांकन का काम 4 अप्रैल को पूरा हो जाएगा। बिहार में दूसरे चरण में इन तीन सीटों के अलावा पूर्णिया और बांका में भी चुनाव होगा जो महागठबंधन में आरजेडी लड़ रही है। आरजेडी ने पूर्णिया में बीमा भारती और बांका में जयप्रकाश नारायण यादव को टिकट दिया है।
 
पप्पू यादव ने कह रखा है कि और कहीं से लड़ने से अच्छा है जहर खा लेना। पप्पू ने पूर्णिया से ही लड़ने का ऐलान कर रखा है और 4 अप्रैल को नामांकन की घोषणा की है। पप्पू को उम्मीद रही होगी कि कांग्रेस या तो इस सीट पर लालू से आरजेडी कैंडिडेट को वापस करवा लेगी या फिर उन्हें दोस्ताना मुकाबला करने देने के लिए लालू को मना लेगी। तेजस्वी यादव भी दो दिन से दिल्ली में थे। लेकिन ना ये हुआ, ना वो हुआ। अब पप्पू के पास बैठ जाने या फिर निर्दलीय लड़ जाने के अलावा कोई तीसरा विकल्प नहीं है। अगर वो लड़ जाते हैं तो कांग्रेस उन पर एक्शन भी ले सकती है। पप्पू की इस लिस्ट पर प्रतिक्रिया का इंतजार है।
 
भागलपुर सीट पर कई नाम पर विचार के बाद कांग्रेस ने तीन बार से भागलपुर में विधानसभा चुनाव जीत रहे अजीत शर्मा को टिकट दिया है। यहां प्रवीण कुशवाहा और कन्हैया कुमार के नाम भी चर्चा में थे। प्रवीण दो बार विधानसभा चुनाव लड़े हैं और दोनों बार हारे हैं। अजीत शर्मा लगातार तीन बार से भागलपुर जीत रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कन्हैया ने खुद आगे बढ़कर भागलपुर से लड़ने से मना कर दिया जिसके बाद पार्टी के लिए फैसला करना आसान हो गया और अजीत शर्मा को टिकट पकड़ा दिया गया।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12879/162

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button