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पीएमओ ने वाणिज्य मंत्रालय से निवेश संधि के मॉडल पाठ की समीक्षा करने को कहा

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने वाणिज्य मंत्रालय से द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के मॉडल पाठ की जांच करने और कारोबारी सुगमता बढ़ाने को इसमें सुधार के लिए सुझाव देने को कहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह कवायद इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि केवल सात देशों ने मौजूदा मॉडल पाठ संधि को स्वीकार किया है। ज्यादातर विकसित देशों ने विवाद समाधान जैसे प्रावधानों के संबंध में पाठ पर अपनी आपत्ति जताई है।

ये निवेश संधियां एक-दूसरे के देशों में निवेश की सुरक्षा और प्रचार-प्रसार में मदद करती हैं। ये समझौते इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि भारत पहले ही ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन और केयर्न एनर्जी पीएलसी के खिलाफ पिछली तारीख से कर लगाने के मामले में दो अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता मुकदमे हार चुका है।

सूत्रों ने कहा कि सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय में विशेषज्ञों और वकीलों के साथ संधि के मॉडल पाठ पर आंतरिक चर्चा होगी। उन्होंने कहा, ”बैठक में एक प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा। हम इस मुद्दे पर आंतरिक चर्चा कर रहे हैं। पीएमओ इस पर गौर कर रहा है और उसने वाणिज्य मंत्रालय से मॉडल पाठ पर तीसरे पक्ष से राय लेने के लिए कहा है।”

बीआईटी हालांकि वित्त मंत्रालय का विषय है, लेकिन वाणिज्य मंत्रालय तीसरे पक्ष के विचारों को जानने और उच्च अधिकारियों को सुझाव देने की कवायद करेगा। यह संधि भारत और ब्रिटेन के बीच एक महत्वपूर्ण बिंदु है, क्योंकि दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते और बीआईटी पर बातचीत कर रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, चार-यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए (आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड) भी बीआईटी की मांग करेंगे। आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआई (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) ने कहा कि चूंकि भारत का लक्ष्य तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है, इसलिए उसे अपनी संधियों को वैश्विक निवेश प्रथाओं के साथ जोड़ना जरूरी है।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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