RO.No. 13028/ 149
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

जातीय-धार्मिक ध्रुवीकरण पर मेनका की दो टूक, जाति और कौम के माहौल में तो लोग फंस ही जाएंगे

सुल्तानपुर.

लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। नेता जहां एक दूसरे पर वार करने में शब्दों की मर्यादा लांघ रहे हैं। जाति-धर्म की खुलकर सियासत हो रही है। ऐसे दौर में सुल्तानपुर से सांसद और भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी इसे सख्त नापसंद करती हैं। अपने दीर्घ संसदीय जीवन में वे काम पर यकीन करती आई हैं। वह कहती हैं कि सांसद का चुनाव उसके काम पर होना चाहिए।

जाति-कौम के आधार पर माहौल ही नहीं बनना चाहिए। इस मुद्दे पर बेबाकी से बात की—

सवाल : मौजूदा दौर में माना जाता है कि जातीय-धार्मिक ध्रुवीकरण से ही चुनाव जीते जाते हैं। आप इसे राजनीति में कितना जरूरी मानती हैं?
मेनका : जब सभी पार्टियां जाति के आधार पर टिकट देती हैं तो जनता के सामने च्वाइस ही नहीं रह जाती। अब हर कोई नोटा पर वोट तो नहीं दे सकता। मेरा अनुभव है कि जनता काम करने वाले को ही पसंद करती है, लेकिन उसे काम करने वाले का विकल्प तो मिले।

सवाल: यहां पहल क्या राजनीतिक दलों को करनी चाहिए?
मेनका : बिल्कुल… यदि मेरे मुकाबले मुझसे ज्यादा काम करने वालों को टिकट दिया जाता तो मुझे खुशी होती, लेकिन नए लोगों को इसलिए टिकट दे देना कि वे जाति के नाम पर कुछ वोट बटोर लेंगे…ऐसा ठीक नहीं है। जनता चाहती है कि काम करने वालों के बीच मुकाबला हो। हम मुकाबला जातियों का बना देते हैं और इस दरार को बड़ा बना देते हैं।

सवाल : भाषणों में जातीय और धार्मिक आधार पर जो अलगाव की बातें होती हैं यह कितना उचित है?
मेनका : आप माहौल ऐसा बनाएंगे तो बहुत सारे लोग इसमें फंस जाएंगे। यह माहौल नहीं बनना चाहिए, जाति और कौम के आधार पर।
विज्ञापन

सवाल : भाजपा इस चुनाव में कितना बढ़ रही है?
मेनका : बढ़ तो रही है। विपक्ष के पास कोई रणनीति नहीं है। उन्हें पांच साल आपस में बैठकर रणनीति बनानी चाहिए थी। मुद्दे तय करने चाहिए थे। दुनिया भर के मुद्दे बना सकते थे। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। न ठोस रणनीति है, न मुद्दे और न ही भाषण की तैयारी। ऊपर से विपक्ष में लोग आ-जा रहे हैं। यदि विपक्ष के पास मजबूत रणनीति नहीं है तो भाजपा तो आगे निकलेगी ही।

सवाल : क्या भाजपा चार सौ पार पहुंचेगी?
मेनका : मैं ज्योतिषी नहीं हूं। उम्मीद तो सबको है। किंतु मैं नहीं बोल सकती, न अपने बारे में न दूसरों के बारे में।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13028/ 149

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button