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सीता सोरेन ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर झामुमो पर जमकर हमला बोला, कहा-आदरणीय बाबा जी का जो अपमान किया जा रहा

रांची
झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर झामुमो पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि जेएमएम द्वारा झारखंड आंदोलन के एक मजबूत सिपाही, राजनीति के भीष्म पितामह, हमारे दुखहर्ता और पालनकर्ता आदरणीय बाबा जी का जो अपमान किया जा रहा है, उससे झारखंड का कोई भी गांव अछूता नहीं है।

"दिशोम गुरु जी को किया गया दरकिनार"
सीता सोरेन ने आगे लिखा कि झामुमो सुप्रीमो की तबीयत खराब होने के बावजूद जेएमएम के मुखौटे में बैठे सत्ता की लालसा लिए शीर्ष नेताओं ने उलगुलान के नाम पर अपने स्वार्थ के लिए उनको कभी चिलचिलाती धूप में बैठाया तो कभी उन्हें संसद ले गये। यही नहीं परमपूज्य दिशोम गुरु जी को निर्णय लेने वाली समिति से भी दरकिनार किया गया। सीता सोरेन ने कहा कि जिन्होंने अपने खून पसीने से जेएमएम पार्टी रूपी वृक्ष को सींचा और खड़ा किया, आज उसी पार्टी ने बाबा जी (शिबू सोरेन) के संघर्षों को भुला दिया है। सीता सोरेन ने आगे लिखा कि दुर्गा सोरेन जी के देहावसान के बाद मुझे और मेरी बेटियों को जब मेरे ही परिवार ने दरकिनार किया, तब मुझ जैसे अबोध का बाबा जी ही एकमात्र सहारा बने रहे, उनके संरक्षण में मैंने राजनीति का क, ख, ग, घ…सीखा है, मेरी बेटियों ने अपने बाबा जी उंगली पकड़कर चलना और अपने पैरों पर खड़ा होना सीखा। पूजनीय ससुर होने के साथ-साथ बाबा जी मेरे लिए राजनीति के द्रोणाचार्य हैं, जिनका अपमान करना मेरे लिए खुद के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करना है, लेकिन अब जब जेएमएम के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है तो वह गंदी और तुच्छ राजनीति को जनता के सामने परोसने की कोशिश कर रहे हैं।

सीता सोरेन ने आगे लिखा कि मेरे गुरुजी, मेरे पिता तुल्य बाबा जी के नाम पर राजनीति करने वालों, उनका अनादर करने वालों उनके बिगड़ते स्वास्थ्य का भी तनिक ख्याल कर लो, सिर्फ सत्ता की राजनीति करने से आपको सत्ता तो जरूर मिल सकती है, लेकिन ऐसी तुच्छ राजनीति से दिशोम गुरुजी जैसी कोमलता, मृदुला, उपलब्धि और महारत कदापि नहीं मिलेगी। झारखंड के लोगों के दिलों में जितना प्रेम बाबा जी के लिए है, उतना ही या उससे कहीं ज्यादा मेरे दिल में भी है, मेरी बेटियां इस बात की गवाह है कि बाबा जी सिर्फ मेरे ससुर भर नहीं, बल्कि मेरे गुरु, मेरे पिता, मेरी छोटी राजनीतिक पारी के मार्गदर्शक और सूत्रधार भी हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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