RO.No. 13028/ 149
जिलेवार ख़बरें

बंद योजनाओं की राशि खर्च कर रहे अधिकारी, वित्त विभाग ने लगाई रोक

रायपुर

छत्‍तीसगढ़ के वित्त विभाग ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के कार्यकाल में संचालित और वर्तमान में बंद योजनाओं की राशि का उपयोग किए जाने की शिकायतें मिलने पर कड़ाई दिखाई है। विभाग ने बंद योजनाओं की बची हुई राशि की जानकारी मांगते हुए उनके खर्च पर रोक लगा दी है। विभागों व संबंधित पक्षों को इस बात के कड़े निर्देश दिए हैं कि बंद योजनाओं के नाम पर बैंक खातों में उपलब्ध राशि सरकार के खाते में जमा कराई जाए।

वित्त विभाग ने कहा है कि संज्ञान में आया है कि विभिन्न योजनाओं के लिए प्राप्त राशि अभी भी बैंक खातों में मौजूद हैं, साथ ही राज्य एवं मैदानी कार्यालयों में राशि का उपयोग किया जा रहा है। विभाग ने प्रदेश के सभी विभागों के सचिवों, विभागाध्यक्ष, जिला कलेक्टरों को आदेश जारी कर रिपोर्ट भी मांगी है। वित्त विभाग ने आशंका जताई है कि बंद योजनाओं की राशि आहरण में कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध हो सकती है। विभागाध्यक्षों को इसकी जांच करनी चाहिए।

फिजूलखर्ची व मितव्ययता रोकने को एक्शन में वित्त विभाग
फिजूलखर्ची व मितव्ययता रोकने के लिए वित्त विभाग मिशन मोड पर नजर आ रहा है। 13 मई को विभाग ने शासकीय वाहन पात्रता को लेकर नया आदेश जारी किया था, जिसमें अधिकारियों के लिए वाहनों की खरीदी की राशि तय की गई थी,वहीं पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति से लेकर अनियमितता होने पर अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था।

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क
रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना वर्तमान में बंद हो चुकी है। योजना में गड़बड़ियों को लेकर राज्य सरकार ने जांच समिति भी गठित की है। रीपा में अधोसंरचना के नाम पर खर्च की गई राशि का एडवोकेट जनरल के माध्यम से आडिट कराए जाने का सुझाव राज्य सरकार ने विधानसभा में रखा था। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टीम बनाकर भौतिक सत्यापन की भी बात की गई है।

राजीव युवा मितान क्लब
राजीव युवा मितान क्लब योजना में बीते तीन वर्ष में 132 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई। राजीव युवा मितान क्लबों के नाम पर खर्च की गई राशि की उपयोगिता की जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के नाम पर बिना आयोजन के भी फर्जी सर्टिफिकेट व रिपोर्ट प्रस्तुत कर पैसे निकालने की शिकायतों को आधार बनाया गया है।

गोधन न्याय योजना बंद
गोधन न्याय योजना के तहत दो रुपये किलो में गोबर खरीदी योजना भी बंद हो चुकी है। शिकायतें मिली थी कि गोबर खरीदी के नाम पर करोड़ों का फर्जी भुगतान किया गया,वहीं गोबर से बनाई गई खाद की बिक्री में भी भ्रष्टाचार हुआ। गोधन न्याय योजना को भाजपा नेताओं ने लालू यादव के चारा घोटाले से भी बड़ा बताया था।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13028/ 149

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button