प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने किया प्रयास विद्यालय का निरीक्षण
बिलासपुर
आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने आज बिलासपुर के रमतला में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने 12 वीं उत्तीर्ण होने के बाद विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों से चर्चा कर मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। श्री बोरा ने इन बच्चों को एकलव्य की तरह ध्यान केन्द्रित कर संपूर्ण ताकत के साथ अपने लक्ष्य पर निशाना साधने के लिए प्रेरित किया। उनकी दिक्कते और जरूरतों के बारे में भी जानकारी लेकर उन्हें पूर्ण करने का भरोसा दिलाया। प्रमुख सचिव ने शहर के चांटीडीह में संचालित शासकीय पोस्ट मेट्रिक कर्मचारी पुत्री छात्रावास एवं वृहस्पति बाजार में संचालित आदर्श पीजी एससी कन्या छात्रावास का भी दौरा कर उपलब्ध सुविधाओं का मुआयना किया। पढ़ाई कर रहे बच्चों की मांग पर आचार संहिता के बाद झण्डा फहराने के लिए चबूूतरा, सायकिल स्टेण्ड एवं एक बड़ा फ्रीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि प्रयास आवासीय विद्यालय में इस साल 439 बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। नक्सल हिंसा प्रभावित जिलों के गरीब बच्चों को रखकर यहां पढ़ाई एवं खाने -पीने की निःशुल्क सुविधा मुहैया कराई जाती है। फिलहाल कला एवं वाणिज्य संकाय में कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक पठन-पाठन की सुविधा है। उन्हें क्लेट, सीए, सीमेट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाती है। श्री बोरा ने प्रयास विद्यालय में कीचन, लाईब्रेरी, कम्पयूटर लैब, टॉयलेट आदि का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने रसोई घर की डिजाइन में कुछ सुधारकर रिबिल्डिंग करने के निर्देश दिए। आर्किटेक्ट की सलाह लेकर बच्चों के कमरों को वास्तु के अनुरूप कुछ बदलाव करने को भी कहा है। बालक प्रखंड में साफ-सफाई एवं अव्यवस्था को लेकर प्राचार्य के प्रति नाराजगी प्रकट की और नियमित रूप से सफाई रखने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रयास प्रबंधन से यहां की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए लिखित में कुछ सुझाव भी मांगे।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बच्चों से चर्चा करते हुए उनका कैरियर मार्गदर्शन भी किया। नौकरी और कारोबार के विभिन्न उपाय भी बताए। उन्होंने कहा कि यदि आप तरक्की कर समाज में स्थापित हो जाएं तो समाज के वंचित लोगों का भी मदद करें। पढ़ाई के दौरान हमेशा अपने माता-पिता के सपनों को ध्यान में रखकर उसे प्राप्त करने का संपूर्ण प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ साथ बच्चों का व्यक्तित्व विकास भी जरूरी है। शहर के नामी गिरामी लोगों को विद्यालय में बुलाकर उनका व्याख्यान कराएं ताकि बच्चे उनके अनुभव और देश-दुनिया के बारे में जान सके। उन्होंने प्रयास विद्यालय में बरसात के मौसम में पौधे लगाने के निर्देश भी दिए। निरीक्षण उपरांत संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर कई दिशा-निर्देशभी दिए। डिप्टी कमिश्नर आदिवासी विकास श्री सीएल जायसवाल, ईई पीडब्ल्यूडी सीके पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।