सीएम योगी के बुलंद इरादे से उत्तर प्रदेश बनेगा विकसित प्रदेश

ODOP के क्षेत्र में 3 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ
ODOP योजना के तहत 5 लाख से अधिक युवाओं को बैंकों से जोड़ा गया
यूपी में लगभग 96 लाख MSME इकाइयाँ हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं
GST रजिस्ट्रेशन वाले हर व्यापारी को ₹5 लाख का सुरक्षा बीमा कवर दिया जा रहा है
उत्तर प्रदेश में मनरेगा के तहत महिलाओं की भागीदारी 42% तक पहुंची
'नमो ड्रोन दीदी योजना' की पहल से महिलाओं का सशक्तीकरण
लखनऊ
उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े 8 वर्ष में तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए विकास की नई इबारत लिखी है। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की गणना पिछड़े राज्यों में होती थी। युवा रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने के लिए मजबूर थे। पिछली सरकारों में माफियाराज, भ्रष्टाचार, परिवारवाद और अराजकता का बोलबाला था। सीएम योगी ने अपने कुशल नेतृत्व में लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था स्थापित की और राज्य में निवेश और उद्यमियों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया। उत्तर प्रदेश आज वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने की राह पर है।
उत्तर प्रदेश विकास के क्षेत्र में बना अग्रणी राज्य
उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। लेकिन अब ये सिर्फ संख्या में नहीं बल्कि विकास की दिशा में भी अगुआ बनने की राह पर है। पिछले साढ़े 8 वर्षों में राज्य ने तीन बड़े क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है। पहला, एक जिला, एक उत्पाद(ODOP) के तहत युवाओं को रोजगार देना। दूसरा, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSMEs) का तेजी से विकास। तीसरा, कृषि-टेक्नोलॉजी-महिलाओं पर विशेष फोकस। इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य को “परंपरा से प्रगति” की राह पर चलने वाला मॉडल बनाया है।
ओडीओपी से युवाओं को रोजगार
ODOP कार्यक्रम 2018 में लॉन्च हुआ था, जिसका उद्देश्य प्रत्येक जिले की विशिष्ट पारंपरिक उत्पाद हस्तशिल्प, हस्तनिर्मित वस्तुएँ, कृषि-उत्पाद को उचित मूल्य दिलाकर बाजार तक ले जाना था। ODOP सेक्टर में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 3 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। ODOP योजना के तहत 5 लाख से अधिक युवाओं को बैंकों से जोड़ा गया है जो स्वरोजगार की गारंटी देता है। ODOP योजना की सफलता के कारण उत्तर प्रदेश निर्यात का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। 2016-17 में राज्य का निर्यात लगभग ₹80,000 करोड़ था, जो बढ़कर ₹1.56 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। ODOP उत्पादों का हिस्सा राज्य के निर्यात का करीब 70% तक पहुंच चुका है। ये आंकड़े केवल संख्या नहीं, बल्कि सीएम योगी की मजबूत इच्छाशक्ति का संकेत हैं। इसने युवाओं को रोजगार के लिए पलायन की सोच से बाहर निकाला है। आज गांव-शहर की इकाइया, मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और डिजिटली जुड़ी मार्केटिंग मॉडल युवाओं को स्वरोजगार और नए रोजगार के अवसर दे रही हैं।
एमएसएमई-इकोसिस्टम से लघु उद्योगों का विकास
उत्तर प्रदेश में लघु एवं मध्यम उद्योग ने विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य में लगभग 96 लाख MSME इकाइयाँ हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं। सूक्ष्म इकाइयों से लेकर छोटी विनिर्माण इकाइयां जिसमें रेल-मेनेटल, कपड़ा, हैंडीक्राफ्ट, खाद्य-प्रोसेसिंग हैं, रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार हर 1 करोड़ निवेश से लगभग 8 रोजगार उत्पन्न हो सकते हैं। इस प्रकार लघु उद्योगों ने स्थानीय स्तर पर विकास की नींव रखी है। जहा बड़े उद्योग दूर-दराज होते हैं, वहीं एमएसएमई ने ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमिता को गति प्रदान की है।
सरकार प्रदेश के 11 जिलों में 15 नए MSME औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित कर रही है, जो छोटे और मझोले उद्योगों को भूमि और आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करेंगे। MSME उद्यमियों के लिए 1,000 दिनों तक किसी भी प्रकार की NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) की आवश्यकता नहीं है। वे अपना आवेदन जमा करके उत्पादन शुरू कर सकते हैं, जिससे उद्योग लगाना आसान हुआ है। सुरक्षा और खरीद प्रोत्साहन के तहत राज्य सरकार के विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) द्वारा राज्य के MSME से 25% खरीद अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा, GST रजिस्ट्रेशन वाले हर व्यापारी को ₹5 लाख का सुरक्षा बीमा कवर भी दिया गया है।
कृषि-तकनीक ने अर्थव्यवस्था को दी नई दिशा
उत्तर प्रदेश में कृषि और टेक्नोलॉजी ने विकास को बुलेट ट्रेन की रफ्तार से आगे बढ़ाया है। कृषि-उत्पादन में बढ़ावा देने के लिए फूड-प्रोसेसिंग क्लस्टर, फल-फूल निर्यात मंडल, कोल्ड-चेन इंफ्रा जैसी परियोजनाएँ चल रही हैं। मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम विकसित करने हेतु नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीक, बेहतर बीज और बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान करना है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। सरकार कृषि में शोध और विज्ञान के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। यह प्रयास है कि किसानों का जुड़ाव आधुनिक तकनीकों और अनुसंधान से बढ़े, जिससे वर्तमान कृषि भूमि से तीन गुना तक उत्पादन प्राप्त किया जा सके।
उत्तर प्रदेश के विकास में महिलाओं की अहम भागीदारी
महिलाओं की भागीदारी ने भी राज्य की अर्थव्यवस्था को नया आयाम दिया है। 2025 में मनरेगा के तहत महिलाओं की भागीदारी 42% तक पहुंच गई है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सामाजिक परिवर्तन का संकेत है। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से महिलाओं को ई-मोबाइल तकनीक, स्मार्ट कृषि जानकारी, डिजिटल मार्केटिंग जैसे उपकरण मिले हैं, जिससे ग्रामीण महिला उद्यमिता को मदद मिली है।




