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बांधवगढ़ के बाघ एक दर्जन से ज्यादा लोगों को बना चुके हैं शिकार

भोपाल

उमरिया के घुनघुटी वन परिक्षेत्र  में  महुआ बीनने गई रामबाई के ऊपर बाघ ने हमला कर दिया। महिला की मौके पर मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि बाघ ने महिला के ऊपर पीछे से हमला किया। जिसके चलते महिला मौके से भाग नहीं पाई। बाघ ने बुरी तरह से उसे नोच डाला, जिसकी वजह से ज्यादा खून बह गया और महिला की मौके पर ही मौत हो गई।

बांधवगढ़ क्षेत्र में यह कोई पहला मामला नहीं है। वर्ष 2023-24 में बाघों ने एक दर्जन से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। जनवरी महीने में बाघ के हमने से दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी। बांधवगढ़ में लगातार हो रहे हमले को देखते हुए मानवाधिकार आयोग भी वन विभाग को कई बार सुरक्षा के बेहतर इंतजाम करने के लिए निर्देश दे चुका है। लेकिन इसके बावजूद भी विभाग सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। वन्य प्राणी शाखा से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बांधवगढ़ में सबसे ज्यादा 175 बाघ है। ग्रामीणों को कई बार समझाया जाता है कि जंगल में अकेले नहीं जाए लेकिन इसके बावजूद भी ग्रामीण कई बार जंगल में लकड़ी और महुआ बीनने के लिए अकेले निकल पड़ते है। ग्रामीण बस्तियों से सटे वन परिक्षेत्र के आस- पास फेसिंग कराई गई है। सुरक्षा को लेकर विभाग हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार है। वन विभाग  बाघ और मनुष्य दोनों के जीवन को महत्वपूर्ण मानता हैं।

बाघों की भी हो रही लगातार मौत
बांधवगढ़ वन परिक्षेत्र में इंसानों के साथ-साथ बाघ भी लगातार मर रहे है। वर्ष 2024 में बांधवगढ़ में अकेले 9 बाघों की मौत हो चुकी हैं। प्रदेश में मौजूदा समय में 785 बाघ हैं। जिसमें सबसे अधिक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 175 बाघ है। वर्ष 2023 में बांघवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 11 बाघों की मौत हो चुकी है। बाघों की लगातार हो रही मौत के पीछे विभाग आपसी संघर्ष कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला आसानी से झाड़ लेता है। वन्य प्राणी से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि अगर विभाग बाघों के जीवन को बचाने के लिए गंभीर है तो विभाग को कॉरिडोर के अलावा अन्य अभ्यारण्यों में इन बाघों को शिफ्Þट करना होगा। जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर विराम लगाया जा सके।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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