राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

लीबिया के आर्मी चीफ की प्लेन क्रैश में मौत, तुर्की से लौटते वक्त हादसा

अंकारा

लीबिया के लिए पाकिस्तान पनौती बनकर निकला है. पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर के कदम पड़ते ही लीबिया को बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान के साथ डिफेंस डील करते ही लीबिया में दुखों का पहाड़ टूटा है. जी हां, लीबिया के आर्मी चीफ की प्लेन क्रैश में मौत हो गई है. एक प्राइवेट जेट में लीबिया के सेना प्रमुख और चार अन्य अधिकारी तुर्की से अपने देश लौट रहे थे. तभी उनका प्लेन क्रैश हो गया. इस प्लेन क्रैश में लीबिया के आर्मी चीफ और अन्य 7 लोगों की मौत हो गई. इनमें तीन क्रू मेंबर थे.

दरअसल, लीबिया के मिलिट्री चीफ, चार अन्य अफसरों और तीन क्रू मेंबर्स को ले जा रहा एक प्राइवेट जेट मंगलवार को तुर्की की राजधानी अंकारा से उड़ान भरने के बाद क्रैश हो गया. इससे विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई. लीबिया के अधिकारियों ने बताया कि प्लेन क्रैश का कारण विमान में तकनीकी खराबी थी. तुर्की के अधिकारियों ने बताया कि लीबिया का प्रतिनिधिमंडल तुर्की और लीबिया के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने के मकसद से उच्च स्तरीय रक्षा वार्ता के लिए अंकारा में था.

लीबिया के पीएम ने किया कन्फर्म
लीबिया के प्रधानमंत्री अब्दुल-हामिद दबीबा ने आर्मी चीफ जनरल मुहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद और चार अधिकारियों की मौत की पुष्टि की और फेसबुक पर एक बयान में कहा कि यह दुखद दुर्घटना तब हुई जब प्रतिनिधिमंडल घर लौट रहा था. प्रधानमंत्री ने इसे लीबिया के लिए बहुत बड़ा नुकसान बताया. लीबिया के आर्मी चीफ अल-हद्दाद पश्चिमी लीबिया में टॉप सैन्य कमांडर थे और लीबिया की सेना को एकजुट करने के लिए चल रहे संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले प्रयासों में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो लीबिया के संस्थानों की तरह ही विभाजित हो गई है.

आर्मी चीफ के अलावा कौन अफसर मरे?
तुर्की प्लेन क्रैश में मारे गए चार अन्य अधिकारी जनरल अल-फितौरी घ्रैबिल, लीबिया की जमीनी सेना के प्रमुख, ब्रिगेडियर जनरल महमूद अल-कतावी (जिन्होंने सैन्य निर्माण प्राधिकरण का नेतृत्व किया), मोहम्मद अल-असावी दियाब, चीफ ऑफ स्टाफ के सलाहकार, और मोहम्मद उमर अहमद महजूब, चीफ ऑफ स्टाफ के कार्यालय में एक सैन्य फोटोग्राफर थे. तीनों क्रू मेंबर्स की पहचान तुरंत पता नहीं चल पाई.

कैसे हुआ लीबिया के आर्मी चीफ का प्लेन क्रैश

तुर्की के अधिकारियों ने बताया कि फाल्कन 50-टाइप के बिजनेस जेट का मलबा अंकारा से लगभग 70 किलोमीटर (लगभग 43.5 मील) दक्षिण में हयमाना जिले के केसिक्कावाक गांव के पास मिला है. इससे पहले मंगलवार शाम को तुर्की के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ने कहा कि अंकारा के एसेनबोगा हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद लीबिया लौट रहे विमान से उनका संपर्क टूट गया था.

    तुर्की के आंतरिक मंत्री अली येरलिकाया ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि विमान ने मंगलवार रात 8:30 बजे उड़ान भरी थी और 40 मिनट बाद संपर्क टूट गया.

    येरलिकाया ने कहा कि सभी संचार बंद होने से पहले विमान ने हयमाना के पास आपातकालीन लैंडिंग का संकेत दिया था.

    तुर्की के राष्ट्रपति संचार कार्यालय के प्रमुख बुरहानेटिन दुरान ने कहा कि विमान ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को बिजली की खराबी के बारे में सूचित किया और आपातकालीन लैंडिंग का अनुरोध किया.

    विमान को वापस एसेनबोगा की ओर मोड़ दिया गया, जहां उसकी लैंडिंग की तैयारी शुरू हो गई थी.
    हालांकि, दुरान ने बताया कि इमरजेंसी लैंडिंग के लिए नीचे उतरते समय प्लेन रडार से गायब हो गया.

आसमान में धमाका और बिजली जैसी चमक
स्थानीय टेलीविज़न स्टेशनों पर दिखाए गए सिक्योरिटी कैमरे के फुटेज में हेमाना के ऊपर रात का आसमान अचानक एक धमाके जैसी चीज़ से रोशन होता दिखा. अंकारा में रहते हुए लीबिया के आर्मी चीफ अल-हद्दाद ने तुर्की के रक्षा मंत्री यासर गुलेर और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की थी. अंकारा में एयरपोर्ट को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था और कई फ्लाइट्स को दूसरी जगहों पर डायवर्ट कर दिया गया था. तुर्की के न्याय मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में आम तौर पर जैसा होता है, वैसे ही इस क्रैश की जांच के लिए चार प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किए गए हैं.

तुर्की जाएगी लीबिया की जांच टीम
फेसबुक पर एक सरकारी बयान के अनुसार, लीबिया इस क्रैश की जांच में तुर्की अधिकारियों के साथ काम करने के लिए अंकारा में एक टीम भेजेगा. लीबियाई प्रतिनिधिमंडल का मंगलवार का दौरा तुर्की की संसद द्वारा लीबिया में सेवारत तुर्की सैनिकों के कार्यकाल को दो साल के लिए बढ़ाने की मंजूरी देने के एक दिन बाद हुआ. तुर्की ने 2019 में अंकारा और त्रिपोली स्थित सरकार के बीच हुए सुरक्षा और सैन्य सहयोग समझौते के बाद सैनिक तैनात किए थे. बता दें कि बीते दिनों ही आसिम मुनीर लीबिया में मौजूद थे.

मुनीर बन गए पनौती
लीबिया को यह झटका ऐसे वक्त में लगा है, जब आसिम मुनीर के एक दिन पहले ही लीबिया में कदम पड़े थे. एक तरह से कहें तो पाकिस्तान लीबिया के लिए पनौती साबित हुआ है. पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने बीते दिनों 2025 में लीबिया का आधिकारिक दौरा किया. इस दौरान उन्होंने लीबियन नेशनल आर्मी (एलएनए) के कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल खलीफा हफ्तार और उनके डिप्टी सद्दाम खलीफा हफ्तार से बेनगाजी में मुलाकात की. इस दौरे के बाद पाकिस्तान और लीबिया के बड़ी डिफेंस डील हुई. इसके तहत पाकिस्तान अपने फाइटर जेट्स लीबिया को देगा.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button